ओलंपिक कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार ने विश्व कुश्ती प्रतियोगिता के खिताबी मुकाबले में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। खिताबी मुकाबले में सुशील ने रूसी खिल़ाडी गोगाएव अलान को 3-1 से हराया। यह उपलब्धि हासिल करने वाले सुशील देश के पहले पहलवान हैं।
जानकारी हो कि इस प्रतियोगिता के पहले दौर में ही सुशील को बाई मिल गई थी। उसके बाद उन्होंने ग्रीस के आकृतिदिस, जर्मनी के मार्टिन सेबास्टियन और मंगोलिया के बुयान जाव को अलग-अलग दौर में मात देकर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। सेमीफाइनल में सुशील ने अजरबैजान के हासानोव जाबरायिल को हराया। सुशील कुमार के अलावा कोई अन्य भारतीय इस प्रतियोगिता में पदक की दौड़ में ज्यादा दूर नहीं दौड़ पाया।
सुशील कुमार के गुरु महाबली सतपाल ने उनकी इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह हमारे लिए अविस्मरणीय क्षण है, जिसका हमें सालों से इंतजार था। सतपाल ने कहा सुशील मेरे पास 12 वर्ष की उम्र में आया था और पिछले सालों में मुझे जिस बात का इंतजार था सुशील ने आखिर वह काम कर दिखाया।
जानकारी हो कि इस प्रतियोगिता के पहले दौर में ही सुशील को बाई मिल गई थी। उसके बाद उन्होंने ग्रीस के आकृतिदिस, जर्मनी के मार्टिन सेबास्टियन और मंगोलिया के बुयान जाव को अलग-अलग दौर में मात देकर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। सेमीफाइनल में सुशील ने अजरबैजान के हासानोव जाबरायिल को हराया। सुशील कुमार के अलावा कोई अन्य भारतीय इस प्रतियोगिता में पदक की दौड़ में ज्यादा दूर नहीं दौड़ पाया।
सुशील कुमार के गुरु महाबली सतपाल ने उनकी इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह हमारे लिए अविस्मरणीय क्षण है, जिसका हमें सालों से इंतजार था। सतपाल ने कहा सुशील मेरे पास 12 वर्ष की उम्र में आया था और पिछले सालों में मुझे जिस बात का इंतजार था सुशील ने आखिर वह काम कर दिखाया।
उन्होंने बताया कि सुशील ने रूसी पहलवान को लगातार दो राउण्ड में हराकर यह साबित कर दिया कि वह इस वजन वर्ग में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पहलवान हैं। सतपाल ने कहा कि सुशील ने विश्व प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का जो वादा किया था उसे उन्होंने पूरा कर दिखाया।
उल्लेखनीय है कि सुशील ने 2006 में दोहा एशियाई खेलों में काँस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया था। अर्जुन पुरस्कार विजेता सुशील ने अगले ही साल मई 2007 में सीनियर एशियाई प्रतियोगिता में रजत पदक जीता और फिर कनाडा में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया।
अजरबैजान में हुई विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में वे हालाँकि आठवें स्थान पर पिछड़ गए थे लेकिन उसने यहीं से बीजिंग ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया था। सुशील ने इस साल कोरिया में आयोजित सीनियर एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में काँस्य पदक जीता था।
उल्लेखनीय है कि सुशील ने 2006 में दोहा एशियाई खेलों में काँस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया था। अर्जुन पुरस्कार विजेता सुशील ने अगले ही साल मई 2007 में सीनियर एशियाई प्रतियोगिता में रजत पदक जीता और फिर कनाडा में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया।
अजरबैजान में हुई विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में वे हालाँकि आठवें स्थान पर पिछड़ गए थे लेकिन उसने यहीं से बीजिंग ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया था। सुशील ने इस साल कोरिया में आयोजित सीनियर एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में काँस्य पदक जीता था।