Sunday, September 12, 2010

विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में चली सुशील की दबंगई


ओलंपिक कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार ने विश्व कुश्ती प्रतियोगिता के खिताबी मुकाबले में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। खिताबी मुकाबले में सुशील ने रूसी खिल़ाडी गोगाएव अलान को 3-1 से हराया। यह उपलब्धि हासिल करने वाले सुशील देश के पहले पहलवान हैं।


जानकारी हो कि इस प्रतियोगिता के पहले दौर में ही सुशील को बाई मिल गई थी। उसके बाद उन्होंने ग्रीस के आकृतिदिस, जर्मनी के मार्टिन सेबास्टियन और मंगोलिया के बुयान जाव को अलग-अलग दौर में मात देकर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। सेमीफाइनल में सुशील ने अजरबैजान के हासानोव जाबरायिल को हराया। सुशील कुमार के अलावा कोई अन्य भारतीय इस प्रतियोगिता में पदक की दौड़ में ज्यादा दूर नहीं दौड़ पाया।


सुशील कुमार के गुरु महाबली सतपाल ने उनकी इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह हमारे लिए अविस्मरणीय क्षण है, जिसका हमें सालों से इंतजार था। सतपाल ने कहा सुशील मेरे पास 12 वर्ष की उम्र में आया था और पिछले सालों में मुझे जिस बात का इंतजार था सुशील ने आखिर वह काम कर दिखाया।


उन्होंने बताया कि सुशील ने रूसी पहलवान को लगातार दो राउण्ड में हराकर यह साबित कर दिया कि वह इस वजन वर्ग में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पहलवान हैं। सतपाल ने कहा कि सुशील ने विश्व प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का जो वादा किया था उसे उन्होंने पूरा कर दिखाया।

उल्लेखनीय है कि सुशील ने 2006 में दोहा एशियाई खेलों में काँस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया था। अर्जुन पुरस्कार विजेता सुशील ने अगले ही साल मई 2007 में सीनियर एशियाई प्रतियोगिता में रजत पदक जीता और फिर कनाडा में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया।

अजरबैजान में हुई विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में वे हालाँकि आठवें स्थान पर पिछड़ गए थे लेकिन उसने यहीं से बीजिंग ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया था। सुशील ने इस साल कोरिया में आयोजित सीनियर एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में काँस्य पदक जीता था।

Thursday, September 2, 2010

पाक खिलाड़ियों के नापाक कारनामे

खेलों की दुनिया में जब क्रिकेट का अवतरण हुआ था तब इसको भद्र पुरुषों के खेल की संज्ञा दी गई थी लेकिन धीरे-धीरे इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता ने क्रिकेट को भद्र पुरुषों के खेल की जगह भ्रष्ट पुरुषों का खेल बना दिया। खेल-खेल में अमीर बनने की चाहत में खिलाड़ियों ने मैच के नतीजे पहले से ही निर्धारित करने शुरू कर दिए और इस काम की शुरुआत की पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ियों ने।

पाकिस्तानी खिलाड़ियों का इतिहास मैच फिक्सिंग से सना हुआ है। कभी खिलाड़ी जानबूझकर मैच हार जाते हैं, कभी पैसे के लिए गलत खेलते हैं, तो कभी सिर्फ जीतने के लिए गेंद का रूप बदल देते हैं।

इस कुकर्म में सबसे पहला नाम है, विश्व क्रिकेट में अब तक के सबसे कामयाब गेंदबाजों में से एक और पाकिस्तान क्रिकेट के आखिरी सुपरस्टार वसीम अकरम की। न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज और कमेंटेटर साइमन डॉल ने 1994 के पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के न्यूजीलैंड दौरे का हवाला देते हुए एक रेडियो प्रोग्राम में कहा कि श्रृंखला के आखिरी टेस्ट क्राइस्टचर्च में उन्हें लगा कि तेज गेंदबाज वसीम अकरम जानबूझकर नो बॉल फेंक रहे हैं। पूरी श्रृंखला में पाकिस्तानी गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की थी लेकिन क्राइस्टचर्च में आते ही ना जाने उन्हें क्या हो गया। अकेले अकरम ने आखिरी पारी में 12 नो वॉल फेंके जिसे देखकर उन्हें काफी हैरानी हुई।

उस टेस्ट में न्यूज़ीलैंड को जीतने के लिए 324 रनों की जरूरत थी जो चौथी पारी के लिहाज़ से आसान नहीं था लेकिन पाकिस्तानी गेंदबाजों ने ऐसे हथियार डाले मानो वो न्यूज़ीलैंड को जिताना चाहते हों। यही नहीं पाकिस्तानी गेंदबाज़ों ने जमकर शॉर्ट गेंदें भी डालीं जिसकी वजह से न्यूजीलैंड को काफी रन मिले। हालांकि उस वक्त उनका ध्यान स्पॉट फिक्सिंग की तरफ इसलिए नहीं गया क्योंकि टेस्ट मैच की जीत एक बड़ी जीत थी और वो उसके जश्न में मस्त हो गए लेकिन इंग्लैंड दौरे पर हालिया खुलासे के बाद उन्हें अब लग रहा है कि उस दौरान भी कुछ गड़बड़ जरूर थी।

डॉल जिस श्रृंखला का जिक्र कर रहे हैं उसे पाक शुरुआती दो टेस्ट जीतकर अपने नाम कर चुका था। सबको उम्मीद थी कि तीसरा टेस्ट जीतकर पाक क्लीन स्वीप करेगा। मैच के तीसरे दिन तक ये भरोसा और पुख्ता हो गया लेकिन अचानक जैसे पाक गेंदबाज गेंदबाजी करना भूल गए थे। सीरीज में 25 विकेट लेकर मेजबान बल्लेबाजों में खौफ भरने वाले अकरम ने जमकर शॉर्ट गेंदें फेंकी जिसका किवियों को फायदा हुआ। अकरम ने इस पारी में 12 नो बॉल फेंकी जो सबको हैरान कर देने वाला आंकड़ा था।

न्यूजीलैंड श्रृंखला में अकरम पर फिक्सिंग के आरोप पहली बार नहीं लगे हैं। फिक्सिंग मामले पर पर्दाफाश करने वाले पाक के रिटायर्ड जस्टिस कयूम ने कहा कि उन्हें इस मामले की पहले से जानकारी थी। जस्टिस कयूम ने ही पहले ये कहकर सबको चौंका दिया था कि उनकी जांच में वसीम अकरम फिक्सिंग के दोषी पाए गए थे लेकिन उनको सजा देने के मामले में वो नरम पड़ गए। क्योंकि वे उनके फैन थे। इसके पहले भी अकरम पर 1996 में वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल में ना खेलने का आरोप लगा था। 1997 में शारजाह में बल्लेबाजी क्रम में छेड़छाड़ के आरोप से भी वो घिरे रहे।

वर्ष 1994 के मैच में अकरम पर अताउर रहमान को पैसा देकर खराब गेंदबाजी करवाने का भी आरोप लगा था। अताउर रहमान को जांच में दोषी पाया गया था और उनपर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन अकरम जांच में साफ बच निकले। उनके खिलाफ ठोस सबूत ना होने की वजह से उन्हें सजा नहीं मिली हालांकि उनकी तब काफी आलोचना हुई थी, कप्तानी तक छिन गई थी। इसके अलावा 3700 पाउंड का जुर्माना भी भरना पड़ा था।

पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज वसीम अकरम के बाद मुश्ताक अहमद, वकार यूनिस, इंजमाम उल हक और सइद अनवर भी ऐसे खिलाड़ी हैं जिनपर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की जांच समिति के प्रमुख जस्टिस कय्यूम ने मैच फिक्सिंग की जाँच करते हुए 1998 में जुर्माना लगाया था।

इसके बाद 1999 के विश्वकप में पाकिस्तान बांग्लादेश के विरुद्ध लीग मैच जानबूझकर हार गया था। हालांकि पाकिस्तान टीम इससे पाक साफ निकल गई थी। साल 2007 में भी विश्वकप में पाकिस्तान की टीम आयरलैंड जैसी कमजोर टीम से हार गई। इसके बाद विवाद और तब गहरा गया जब टीम के कोच बॉब वूल्मर होटल रूम में मृत पाए गए।

वर्तमान में इंग्लैंड दौरे पर गई पाकिस्तान की युवा टीम ने फिर अपना पुराना इतिहास दोहराते हुए लॉर्ड्‍स टेस्ट मैच में फिक्सिंग करते हुए पाकिस्तान को शर्मसार कर दिया। इस मैच में करोड़ों रुपए के एवज में नो बॉल फिक्स की गई थी। जिसमें पाकिस्तान टीम के कप्तान सलमान बट्ट, गेंदबाज मोहम्मद आमेर और मोहम्मद आसिफ और विकेट कीपर कामरान अकमल का नाम शामिल है।

इस मैच के दौरान लगातार तीन-तीन नो गेंदें फेंकी गईं थीं। लंदन के मैच फिक्सर मजहर माजीद ने 150 हजार पाउंड में इन नो गेंदों को फिक्स किया था। पाकिस्तानी खिलाड़ियों द्वारा खेल के साथ किए गए इस तरह के खिलवाड़ से साबित होता है कि पैसा इंसान के ईमान को बहका सकता है। क्रिकेट के साथ ग्लैमर और दौलत दोनों साथ आते है। ऐसे में खिलाड़ियों का बहकना स्वाभाविक है। जब तक क्रिकेट के साथ पैसा जुड़ा है मैच फिक्सिंग के ऐसे गुनाह होते रहेंगे।