भारतीय कुश्ती को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान सुशील कुमार ने दिलाई। २००८ में बीजिंग में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीत कर सुशील कुमार ने १९५२ के इतिहास को एक बार फिर से दोहराया। १९५२ में यह पदक महाराष्ट्र के खशाबा जाधव ने जीता था। सुशील कुमार ने 66 किग्रा फ्रीस्टाइल में कजाखिस्तान के लियोनिड स्प्रिडोनोव को हराया।
सुशील ने २००६ में दोहा एशियाई खेलों में काँस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया था। अर्जुन पुरस्कार विजेता सुशील ने अगले ही साल मई २००७ में सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता और फिर कनाडा में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। अजरबेजान में हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में वे हालाँकि आठवें स्थान पर पिछड़ गए थे लेकिन उसने यहीं से बीजिंग ओलिम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया था। कुश्ती के भूतपूर्व पहलवानों में गामा, इमामबख्स, करीम बख्स, रहीम सुल्तानीवाला, गेंदासिंह एवं कीकर सिंह जैसे नामी पहलवान भी हुए हैं जिन्हें सन् १९०० में कुश्ती के बड़े उपाधि रूस्तम-ए-हिन्द एवं रूस्तम-ए-जहान प्रदान किया गया।
कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी को रणभूमि में अपनी आत्मरक्षा करनी पड़ती है। भारत में कुश्ती को मल्ल युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में मल्ल युद्ध के अनेक प्रमाण मिलते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस को मल्ल युद्ध में हराकर उसका वध कर दिया था। महाभारत में भी भीम ने मल्ल युद्ध में जरासंध का वध किया था। ये कुछ ऐसे प्रमाण हैं जिनसे मल्ल युद्ध के प्राचीनता का आभास होता है।
सबसे प्राचीन खेल है कुश्ती:
खेलों के इतिहास में भी कुश्ती सबसे प्राचीन खेल है, जिसका प्रमाण 2750 से 2600 ई.पू. में मिलता है। प्राचीन ओलिम्पक खेलों में कुश्ती को प्रतिष्ठित खेल का दर्जा प्राप्त है।
सर्वप्रथम 708 ई.पू. में ओलिम्पक खेलों में कुश्ती की स्पर्धाएं आयोजित हुई। 1896 के ओलिम्पक खेलों में कुश्ती एक ‘शो पीस´ स्पर्धा के रूप में शामिल थी। सन् 1904 के ओलिम्पक में कुश्ती `फ्री स्टाइल´ के रूप में वापस लौटी।
वर्तमान में कुश्ती खेलने की दो शैलियां प्रचलित हैं- `मुक्त शैली कुश्ती’ और `ग्रीको रोमन कुश्ती’। आधुनिक ग्रीको रोमन कुश्ती सर्वप्रथम फ्रांस में लोकप्रिय हुई थी। `मुक्त शैली´ एमेच्योर कुश्ती की एक विधा है, जो सम्पूर्ण विश्व में अपनाई गई है।
सुशील ने २००६ में दोहा एशियाई खेलों में काँस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया था। अर्जुन पुरस्कार विजेता सुशील ने अगले ही साल मई २००७ में सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता और फिर कनाडा में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। अजरबेजान में हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में वे हालाँकि आठवें स्थान पर पिछड़ गए थे लेकिन उसने यहीं से बीजिंग ओलिम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया था। कुश्ती के भूतपूर्व पहलवानों में गामा, इमामबख्स, करीम बख्स, रहीम सुल्तानीवाला, गेंदासिंह एवं कीकर सिंह जैसे नामी पहलवान भी हुए हैं जिन्हें सन् १९०० में कुश्ती के बड़े उपाधि रूस्तम-ए-हिन्द एवं रूस्तम-ए-जहान प्रदान किया गया।
कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी को रणभूमि में अपनी आत्मरक्षा करनी पड़ती है। भारत में कुश्ती को मल्ल युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में मल्ल युद्ध के अनेक प्रमाण मिलते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस को मल्ल युद्ध में हराकर उसका वध कर दिया था। महाभारत में भी भीम ने मल्ल युद्ध में जरासंध का वध किया था। ये कुछ ऐसे प्रमाण हैं जिनसे मल्ल युद्ध के प्राचीनता का आभास होता है।
सबसे प्राचीन खेल है कुश्ती:
खेलों के इतिहास में भी कुश्ती सबसे प्राचीन खेल है, जिसका प्रमाण 2750 से 2600 ई.पू. में मिलता है। प्राचीन ओलिम्पक खेलों में कुश्ती को प्रतिष्ठित खेल का दर्जा प्राप्त है।
सर्वप्रथम 708 ई.पू. में ओलिम्पक खेलों में कुश्ती की स्पर्धाएं आयोजित हुई। 1896 के ओलिम्पक खेलों में कुश्ती एक ‘शो पीस´ स्पर्धा के रूप में शामिल थी। सन् 1904 के ओलिम्पक में कुश्ती `फ्री स्टाइल´ के रूप में वापस लौटी।
वर्तमान में कुश्ती खेलने की दो शैलियां प्रचलित हैं- `मुक्त शैली कुश्ती’ और `ग्रीको रोमन कुश्ती’। आधुनिक ग्रीको रोमन कुश्ती सर्वप्रथम फ्रांस में लोकप्रिय हुई थी। `मुक्त शैली´ एमेच्योर कुश्ती की एक विधा है, जो सम्पूर्ण विश्व में अपनाई गई है।

कुश्ती के खेल की शब्दावली:
जिस प्रकार कुश्ती एक अनोखा खेल है, वैसे ही इसमें प्रयुक्त होने वाले शब्द। कुश्ती लड़ने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को इन शब्दों से परिचित होना आवश्यक है। कुश्ती के दौरान प्रयुक्त होने वाले कुछ प्रमुख शब्दों में- प्वाइंट, फाल, मैट, परमानेंट आबस्टकल्स, आबस्टकल्स इन बाउट, काशन, पेनल्टी प्वाइंट, डागफाल, फालबैक, फ्लाइंग मार्स, क्रास पेस, ब्रेक डाउन, ब्रिज, बाडी प्रेस, क्रैडल, हाइप टेक डाउन, हाफ नेल्सन, स्लैम, स्टिकलर्स, हुक, हेड होल्ड, डबल, क्रास बटक, रैफ्री, टाइम कीपर, सडेन डेथ, डबल नेल्सन, टाई और फाउल प्रमुख हैं।
जिस प्रकार कुश्ती एक अनोखा खेल है, वैसे ही इसमें प्रयुक्त होने वाले शब्द। कुश्ती लड़ने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को इन शब्दों से परिचित होना आवश्यक है। कुश्ती के दौरान प्रयुक्त होने वाले कुछ प्रमुख शब्दों में- प्वाइंट, फाल, मैट, परमानेंट आबस्टकल्स, आबस्टकल्स इन बाउट, काशन, पेनल्टी प्वाइंट, डागफाल, फालबैक, फ्लाइंग मार्स, क्रास पेस, ब्रेक डाउन, ब्रिज, बाडी प्रेस, क्रैडल, हाइप टेक डाउन, हाफ नेल्सन, स्लैम, स्टिकलर्स, हुक, हेड होल्ड, डबल, क्रास बटक, रैफ्री, टाइम कीपर, सडेन डेथ, डबल नेल्सन, टाई और फाउल प्रमुख हैं।
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