Saturday, August 14, 2010

बैडमिंटन में बुलंद भारत


भारत में बैडमिंटन का खेल बहुत लोकप्रिय है। बैडमिंटन एक ऐसा खेल है जो हर उम्र के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बैडमिंटन को ''पूना'' के नाम से भी जाना जाता है। भारत में बैडमिंटन के कई महान एकल खिलाड़ी हुए हैं, लेकिन भारतीय बैडमिंटन को सही मायने में दुनिया के सामने लाने का श्रेय जाता है प्रकाश पादुकोण को जिन्होंने १९८१ के कुआलालंपुर विश्व कप फाइनल में चीनी सुपरस्टार हान जियान को १५-० से हराकर चीनियों के सपनो को ध्वस्त कर दिया था।

हाल ही में भारतीय बैडमिंटन की नई सनसनी हैं साइना नेहवाल। महिला वर्ग में साइना को विश्व बैडमिंटन संघ द्वारा विश्व में सातवां स्थान प्राप्त है। साइना विश्व ओलंपिक खेलों के बैडमिंटन एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली प्रथम भारतीय महिला और विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाली प्रथम भारतीय हैं। साइना ने २१ जून, २००९ को इंडोनेशियाई ओपन जितने के बाद चीन के लिन वांग को हराकर जकार्ता, सुपर सीरीज़ प्रतियोगिता का खिताब हासिल किया।

भारत में अन्य प्रतिभावान बैडमिंटन खिलाड़ियों में प्रकाश पादुकोण के अलावा पुलेला गोपीचंद, अभिन श्याम गुप्ता, निखिल कानितकर, सचिन राठी, अपर्णा पोपट, साइना नेहवाल और नेहा अटवाल प्रमुख हैं।

बैडमिंटन खेलने के नियम
इसमें एक साथ चार खिलाड़ी खेल सकते हैं। आयताकारनुमा खेल के मैदान को बीचों-बीच एक जाल (नेट) द्वारा दो बराबर भागों में बांटा जाता है। प्रत्येक छोर पर खड़ा खिलाड़ी अपने रैकेट से शटलकाक (चिड़ियां) को मैदान के दूसरे ओर खड़े खिलाड़ी की ओर मारता है। दूसरी ओर खड़े खिलाड़ी को कॉक के बिना जमीन स्पर्श किए विरोधी खिलाड़ी की ओर मारना होता है। यदि कॉक किसी भी खिलाड़ी के पाले में या जाल(नेट) में उलझ जाती है तो विरोधी खिलाड़ी को अंक प्रदान किया जाता है। इस खेळ में १४ अंक के तीन राउंड होते हैं। जो खिलाडी तीन में से दो राउंड (चक्र) जीतने में सफल होता है उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है।

बैडमिंटन का इतिहास:
बैडमिंटन की शुरूआत 19वीं सदी में हुई। सन् 1860 में यह खेल सर्वप्रथम ''बैडमिंटन हाउस'' में प्रस्तुत किया गया, जहां इस खेल को अधिकारिक रूप से बैडमिंटन का नाम दिया गया। सन् 1887 तक यह खेल अंग्रेजों द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार इंग्लैंड में खेला जाता रहा। 'बैडमिंटन एसोशिएसन ऑफ इंग्लैंड' ने सन् 1893 में बैडमिंटन खेलने के नियम बनाए, और सन् 1899 में विश्व के पहले बैडमिंटन चैम्पियनशिप ''आल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप'' की शुरूआत की। अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन संघ (विश्व बैडमिंटन संघ) की स्थापना 1934 में हुई। भारत इस संघ से 1936 में जुड़ा।

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