लीग प्रारूप को व्यापक तौर पर अपनाने और खेलों
की नई अलख जगाने वाला साबित हुआ वर्ष 2014
भारतीय खेल जगत के लिए साल 2014 लीग प्रारूप को
व्यापक तौर पर अपनाने और खेलों की नई अलख जगाने वाला साबित हुआ। फुटबॉल से लेकर टेनिस और फिर कबड्डी तक के लीग टूर्नामेंट
इस साल शुरू हुए, जिन्होंने सफलता का नया मानदंड
स्थापित किया और देश के खेल प्रशंसकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया।
आईएसएल:
सबसे ज्यादा चर्चा इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ने
बटोरी। भारतीय फुटबॉल वैश्विक स्तर पर भले ही काफी पीछ हो लेकिन फीफा सहित दुनिया के
दिग्गज फुटबाल सितारे भी भारत को इस खेल का बड़ा बाजार बताने लगे हैं। आईएसएल की सबसे
बड़ी सफलता यह रही कि टूर्नामेंट दर्शकों को फुटबाल स्टेडियम तक लाने में सफल रहा।
टूर्नामेंट में कुल 61 मैच खेले गए और आईएसएल के आयोजकों के अनुसार इन मैचों को देखने
10 लाख से ज्यादा दर्शक स्टेडियम तक पहुंचे।
विश्व
कप जीतने वाली इटली की राष्ट्रीय टीम के सदस्य रह चुके दिग्गज खिलाड़ी और आईएसएल में
दिल्ली डायनामोज की ओर से खेलने वाले एलेसांद्रो डेल पिएरो ने भी माना कि आईएसएल एक
सफल आयोजन रहा। पिएरो ने माना कि पहले संस्करण की शानदार लोकप्रियता देखकर वह खुद भी
हैरान हैं।
आईपीटीएल:
टेनिस
की बात करें तो देश में इस खेल से संबंधित दो टेनिस लीग शुरू हुए। महेश भूपति के प्रयास
से शुरू हुआ इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग (आईपीटीएल) टेनिस के किसी महोत्सव जैसा साबित
हुआ,
जिसमें दुनिया के लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
आईपीटीएल
को भारत के खेल इतिहास में इसलिए भी जाना जाएगा, क्योंकि
इसने रोजर फेडरर, नोवाक जोकोविक जैसे सर्वोच्च खिलाड़ियों का
भारत में पदार्पण करवाया। हालांकि मीडिया में छाया रहा यह टूर्नामेंट मंहगे टिकट के
कारण अभी भी आम लोगों से दूर ही रहा।
सीटीएल:
दूसरी
ओर,
पूर्व दिग्गज भारतीय खिलाड़ी विजय अमृतराज की पहल पर शुरू हुआ चैम्पियंस
टेनिस लीग (सीटीएल) लोकप्रियता के मामले में जरूर पीछे छूट गया।
प्रो
कबड्डी लीग:
कबड्डी के क्षेत्र में लीग प्रारूप के दो बड़े
टूर्नामेंट शुरू हुए, प्रो-कबड्डी लीग और विश्व कबड्डी
लीग। दोनों टूर्नामेंट को दुनिया भर से 1.8 करोड़ टीवी दर्शक भी मिले।
प्रो कबड्डी लीग में अभिषेक बच्चन, रॉनी स्क्रूवाला और महानायक अमिताभ बच्चन की उपस्थिति ने इस देशी खेल को प्राइम
टाइम का लोकप्रिय इवेंट बना दिया और दर्शकों ने जिस तरह इसे प्रतिक्रिया दी वह अभूतपूर्व
थी।
एक साल पहले शुरू हुआ बैडमिंटन का लीग टूर्नामेंट
'इंडियन बैडमिंटन लीग' (आईबीएल) व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय
खेल कार्यक्रमों के कारण इस साल आयोजित नहीं हो सका, लेकिन लीग
आधार पर होने वाली इन प्रतियोगिताओं को जहां खेल प्रेमियों का अपार समर्थन मिला,
वहीं देश की युवा खेल प्रतिभाओं को विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने,
अपने प्रदर्शन में सुधार और अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए बेहतर
मंच भी प्रदान किया है।
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