मुक्केबाजी युद्ध-कला प्रदर्शन के साथ एक खेल भी है जिसमें एक ही वजन वर्ग के दो खिलाड़ी एक-दूसरे के उपर मुक्के से प्रहार करते हैं। इसका संचालन निर्णायक (मध्यस्थ) द्वारा किया जाता है। इसे तीन मिनट के अंतराल में एक क्रम के अनुसार खेला जाता है जिसे ‘राउण्ड’ कहते हैं।
खेल के विजेता की घोषणा तीन प्रकार से की जाती है-
•पहला- यदि खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी पर प्रहार करने से चूक जाये और मध्यस्थ द्वारा 10 गिनती गिनने से पहले उठने में असमर्थ हो तो विरोधी खिलाड़ी को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
•दूसरा- घायल खिलाड़ी द्वारा खेल रोकने की स्थिति में विरोधी खिलाड़ी को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
•तीसरा- जब पहले से निर्धारित चक्र (राउण्ड) तक लड़ाई समाप्त नहीं होती है तो मध्यस्थ या निर्णायक मण्डल द्वारा विजेता की घोषणा की जाती है।
इतिहास के आईने में मुक्केबाजी:
मुक्केबाजी की प्रतियोगिता प्राचीन सुमेरियन, इजिप्टीयन, और मिनोअन के समय में हुई थी। ओलम्पिक में मुक्केबाजी को एक खेल के रूप में 688 ई.पू. में मान्यता मिली। आधुनिक मुक्केबाजी का जन्म यूरोप में हुआ।
खेल के विजेता की घोषणा तीन प्रकार से की जाती है-
•पहला- यदि खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी पर प्रहार करने से चूक जाये और मध्यस्थ द्वारा 10 गिनती गिनने से पहले उठने में असमर्थ हो तो विरोधी खिलाड़ी को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
•दूसरा- घायल खिलाड़ी द्वारा खेल रोकने की स्थिति में विरोधी खिलाड़ी को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
•तीसरा- जब पहले से निर्धारित चक्र (राउण्ड) तक लड़ाई समाप्त नहीं होती है तो मध्यस्थ या निर्णायक मण्डल द्वारा विजेता की घोषणा की जाती है।
इतिहास के आईने में मुक्केबाजी:
मुक्केबाजी की प्रतियोगिता प्राचीन सुमेरियन, इजिप्टीयन, और मिनोअन के समय में हुई थी। ओलम्पिक में मुक्केबाजी को एक खेल के रूप में 688 ई.पू. में मान्यता मिली। आधुनिक मुक्केबाजी का जन्म यूरोप में हुआ।

भारत में मुक्केबाजी काफी लोकप्रिय खेल है। सन् 1949 में भारतीय युवाओं को इस इस खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी संघ की स्थापना की गयी, जो अंतरराष्ट्रीय एमेच्योर मुक्केबाजी संघ से संबद्ध हैं। जिसने युवाओं के मन में इस खेल के प्रति सम्मान जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी स्थापना के बाद से इस संगठन से अब तक आठ राज्य संबद्ध हो चुके हैं जिसमें मुंबई, चेन्नई, बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, हैदराबाद प्रमुख हैं। अपने स्थापना के बाद से लेकर अब तक इस संघ ने 42 जूनियर और 22 सबजूनियर प्रतियोगिताओं का आयोजन करा चुका है। वर्तमान समय में यह संघ नियमित रूप से विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाता है।
प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज-
प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाजों में विजेंद्र सिंह, जितेंद्र कुमार, अखिल कुमार, चार बार की विश्व चैम्पियन एम.सी.मेरीकॉम, हवा सिंह, मो.अली कमर, डिंको सिंह प्रमुख हैं। विजेंद्र सिंह ने बीजिंग ओलम्पिक (2008) के मुक्केबाजी प्रतिस्पर्धा में पहली बार काँस्य पदक जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया।
प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज-
प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाजों में विजेंद्र सिंह, जितेंद्र कुमार, अखिल कुमार, चार बार की विश्व चैम्पियन एम.सी.मेरीकॉम, हवा सिंह, मो.अली कमर, डिंको सिंह प्रमुख हैं। विजेंद्र सिंह ने बीजिंग ओलम्पिक (2008) के मुक्केबाजी प्रतिस्पर्धा में पहली बार काँस्य पदक जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया।
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