शतरंज दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला एक बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल है। इस खेल को बुद्धि एवं विवेक का खेल माना जाता है। मानसिक विकास के लिए खेल एक महत्वपूर्ण कारक है। शारीरिक रूप से मजबूती के लिए तो विभिन्न प्रकार के खेल हैं, लेकिन जब मानसिक विकास की बात होती है तो शतरंज का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने अन्य खेलों की भांति इसे भी एक नयी दिशा दी है। कम्प्यूटर के साथ खिलाड़ी का शतरंज खेलना इस खेल का आधुनिक संस्करण ही कहा जाएगा।
शतरंज का इतिहास-
शतरंज एक प्राचीन एवं विश्व प्रसिद्ध खेल है। शतरंज का आविष्कार भारत में माना जाता है, परंतु इसकी उत्पत्ति कब और कैसे हुई, इसका कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता। एक किंवदन्ती के अनुसार, शतरंज का आविष्कार लंका के राजा रावण की पत्नी मन्दोदरी ने इस उद्देश्य से किया था कि उसका पति रावण अपना सम्पूर्ण समय युद्ध में व्यतीत न कर सके। रावण के पुत्र मेघनाद की पत्नी ने भी इसी उद्देश्य से इस खेल का अनुकरण किया था।शतरंज का खेल भारत से अरब होते हुए यूरोप में गया और फिर १६वीं सदी में पूरे संसार में प्रसिद्ध होता चला गया।
शतरंज एक चोपाट (बोर्ड) के उपर खेला जाता है । चोपाट के उपर कल ६४ खाने होते है। जिसमें ३२ चोरस काले रंग और ३२ चोरस सफेद रंग के होते हैं । प्रत्येक खिलाड़ी के पास १६-१६ चोरस होते है, जिसमें एक राजा, वजीर, दो उंट, दो घोडे, दो हाथी और आठ सैनिक शामिल रहते हैं। बीच में राजा व वजीर रहता है। उनकी अगली रेखा में आठ पैदल या सैनिक रहते हैं।
शतरंज का इतिहास-
शतरंज एक प्राचीन एवं विश्व प्रसिद्ध खेल है। शतरंज का आविष्कार भारत में माना जाता है, परंतु इसकी उत्पत्ति कब और कैसे हुई, इसका कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता। एक किंवदन्ती के अनुसार, शतरंज का आविष्कार लंका के राजा रावण की पत्नी मन्दोदरी ने इस उद्देश्य से किया था कि उसका पति रावण अपना सम्पूर्ण समय युद्ध में व्यतीत न कर सके। रावण के पुत्र मेघनाद की पत्नी ने भी इसी उद्देश्य से इस खेल का अनुकरण किया था।शतरंज का खेल भारत से अरब होते हुए यूरोप में गया और फिर १६वीं सदी में पूरे संसार में प्रसिद्ध होता चला गया।
शतरंज एक चोपाट (बोर्ड) के उपर खेला जाता है । चोपाट के उपर कल ६४ खाने होते है। जिसमें ३२ चोरस काले रंग और ३२ चोरस सफेद रंग के होते हैं । प्रत्येक खिलाड़ी के पास १६-१६ चोरस होते है, जिसमें एक राजा, वजीर, दो उंट, दो घोडे, दो हाथी और आठ सैनिक शामिल रहते हैं। बीच में राजा व वजीर रहता है। उनकी अगली रेखा में आठ पैदल या सैनिक रहते हैं।

शतरंज खेलते समय ध्यान देने योग्य बातें-
चोपाट रखते समय यह ध्यान दिया जाता है की दोनो खिलाड़ियों के दायें तरफ का खाना सफेद होना चाहिये तथा वजीर के स्थान पर काला वजीर काले चोरस में व सफेद वजीर सफेद चोरस में होना चाहिये।
खेल की शुरुआत-
खेल की शुरुआत सफेद खिलाड़ी से की जाती है। सामान्यतः वजीर या राजा के आगे रखे गया पैदल या सैनिक दो चोरस आगे चलता है। हालांकि कोई भी सैनिक दो चोरस चल सकता है, अधिकतर खेले जाने वाले खेल में सैनिक को एक चोरस ही आगे चलाया जाता है।
राजा सदा के लिये एक ही चोरस चल सकता है। अगर राजा को चलने के लिए बाध्य किया गया और वह चल नहीं सकता तो मान लीजिये कि खेल समाप्त हो गया। वजीर किसी भी दिशा में चल सकता है।
ऊंट केवल अपने रंग वाले चोरस में चल सकता है। यानि काला उंट काले चोरस में ओर सफेद ऊंट सफेद चोरस में। ऊंट के पास तिरछा चलने के अलावा अलावा कोई चाल नहीं होती ।
घोडा अटपटा चलता है, यानि अगर घोड़ा सफेद चोरस पर होगा तो चाल समाप्त होते रंग बदलता है। सामान्यतः लोग इसे ढाई चाल भी कहते है।
हाथी की चाल ऐसी नहीं है। वह सिर्फ सीधे या आड़े ही चल सकता है। अपनी बारी आने पर अगर खिलाड़ी के पास चाल के लिये कोई चारा नहीं है तो वह अपनी हार स्वीकार कर लेता है।
विश्व प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी-
शतरंज के खेल में भारत का वर्चस्व रहा है। भारतीय खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद दुनिया के नम्बर एक खिलाड़ी हैं। आनंद के अलावा कोनेरू हम्पी, विजयालक्ष्मी सुब्बरमण , तानिया सचदेव, संदीपन चंदा, श्रीनाथ नारायणन प्रमुख हैं । विदेशी खिलाड़ियों में वैसिली इवानचुक, व्लादिमीर क्रामनिक, वेसेलिन टोपलोव, पीटर लोको प्रमुख हैं।
चोपाट रखते समय यह ध्यान दिया जाता है की दोनो खिलाड़ियों के दायें तरफ का खाना सफेद होना चाहिये तथा वजीर के स्थान पर काला वजीर काले चोरस में व सफेद वजीर सफेद चोरस में होना चाहिये।
खेल की शुरुआत-
खेल की शुरुआत सफेद खिलाड़ी से की जाती है। सामान्यतः वजीर या राजा के आगे रखे गया पैदल या सैनिक दो चोरस आगे चलता है। हालांकि कोई भी सैनिक दो चोरस चल सकता है, अधिकतर खेले जाने वाले खेल में सैनिक को एक चोरस ही आगे चलाया जाता है।
राजा सदा के लिये एक ही चोरस चल सकता है। अगर राजा को चलने के लिए बाध्य किया गया और वह चल नहीं सकता तो मान लीजिये कि खेल समाप्त हो गया। वजीर किसी भी दिशा में चल सकता है।
ऊंट केवल अपने रंग वाले चोरस में चल सकता है। यानि काला उंट काले चोरस में ओर सफेद ऊंट सफेद चोरस में। ऊंट के पास तिरछा चलने के अलावा अलावा कोई चाल नहीं होती ।
घोडा अटपटा चलता है, यानि अगर घोड़ा सफेद चोरस पर होगा तो चाल समाप्त होते रंग बदलता है। सामान्यतः लोग इसे ढाई चाल भी कहते है।
हाथी की चाल ऐसी नहीं है। वह सिर्फ सीधे या आड़े ही चल सकता है। अपनी बारी आने पर अगर खिलाड़ी के पास चाल के लिये कोई चारा नहीं है तो वह अपनी हार स्वीकार कर लेता है।
विश्व प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी-
शतरंज के खेल में भारत का वर्चस्व रहा है। भारतीय खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद दुनिया के नम्बर एक खिलाड़ी हैं। आनंद के अलावा कोनेरू हम्पी, विजयालक्ष्मी सुब्बरमण , तानिया सचदेव, संदीपन चंदा, श्रीनाथ नारायणन प्रमुख हैं । विदेशी खिलाड़ियों में वैसिली इवानचुक, व्लादिमीर क्रामनिक, वेसेलिन टोपलोव, पीटर लोको प्रमुख हैं।
Good
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