खेल अब शारीरिक विकास तक सीमित न रहकर युवाओं के लिए एक कैरियर के रूप में स्थापित हो गया है। कैरियर, मनोरंजन और नाम के आधार पर वर्तमान में क्रिकेट सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है। क्रिकेट का यह खेल ''गिल्ली-डंडा'' के एक सामान्य खेल से उठकर लोकप्रियता के सर्वोच्च शिखर पर प्रतिष्ठित हो गया है। क्रिकेट की शुरूआत कहां हुई, इस सम्बन्ध में कोई निश्चित एक विचार नहीं है। कुछ लोग इसकी उत्पत्ति फ्रांस से हुई मानते हैं, तो कुछ इंग्लैंड में।
क्रिकेट की बाइबिल कहे जाने वाली किताब 'विजडन' के अनुसार, क्रिकेट शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम फ्लोरिडा के अंग्रेजी-इटालियन' शब्दकोश के एक संस्करण में हुआ था। सन् 1300 में 'किंग एडवर्ड' की आलमारी से प्राप्त सामग्री से 'बल्ले' और 'गेंद' के प्रयोग की पुष्टि होती है।
भारत में प्राचीन काल से कंदुक क्रीड़ा अर्थात गेंद के साथ खेले जाने वाले खेल काफी लोकप्रिय रहे हैं। इस संदर्भ में भगवान श्री कृष्ण के जीवन की एक प्रमुख घटना उल्लेखनीय है-
''एक बार भगवान श्रीकृष्ण यमुना नदी के किनारे अपने बाल सखाओं के साथ खेल रहे थे, तभी गेंद यमुना नदी में गिर गई। भगवान गेंद को निकालने के लिए नदी में उतरे और विषैले सर्प कालिय नाग का मर्दन किया।''
क्रिकेट की बाइबिल कहे जाने वाली किताब 'विजडन' के अनुसार, क्रिकेट शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम फ्लोरिडा के अंग्रेजी-इटालियन' शब्दकोश के एक संस्करण में हुआ था। सन् 1300 में 'किंग एडवर्ड' की आलमारी से प्राप्त सामग्री से 'बल्ले' और 'गेंद' के प्रयोग की पुष्टि होती है।
भारत में प्राचीन काल से कंदुक क्रीड़ा अर्थात गेंद के साथ खेले जाने वाले खेल काफी लोकप्रिय रहे हैं। इस संदर्भ में भगवान श्री कृष्ण के जीवन की एक प्रमुख घटना उल्लेखनीय है-
''एक बार भगवान श्रीकृष्ण यमुना नदी के किनारे अपने बाल सखाओं के साथ खेल रहे थे, तभी गेंद यमुना नदी में गिर गई। भगवान गेंद को निकालने के लिए नदी में उतरे और विषैले सर्प कालिय नाग का मर्दन किया।''

क्रिकेट का स्वर्णिम अध्याय-
क्रिकेट का स्वर्णिम अध्याय 1760 से प्रारम्भ होता है। सन् 1760 ई. में इंग्लैंड में प्रथम क्रिकेट क्लब की स्थापना हुई। यह क्लब क्रिकेट के लिए सुखद सिद्ध हुआ। 'हैम्बलडन क्लब' नामक इस संस्था का मुख्यालय 'बोडहाफपेनी डाउन' में था। लगभग तीन दशक तक यह क्लब क्रिकेट के ऐतिहासिक पन्नों पर छाया रहा। इस क्लब ने बड़ी संख्या में कई क्रिकेट प्रतिभाओं को आगे बढ़ाया ।
क्रिकेट के इतिहास का दूसरा स्वर्णिम अध्याय 'मेरिलबोन क्रिकेट क्लब' की स्थापना के साथ प्रारम्भ होता है। सन् 1787 ई. में 'मेरिलबोन क्रिकेट क्लब' की स्थापना हुई।
18 जून, सन् 1744 ई. में 'लंदन क्लब' द्वारा सर्वप्रथम क्रिकेट के नियम बनाए गए। सन् 1807 ई. में कैंट के जॉन विल्स ने पहली बार हाथ घुमाकर गेंद फेंकनी शुरू की, परन्तु यह काफी विवाद का विषय बना रहा। सन् 1822 ई. में अपनी इस विलक्षण कला का विरोध होते देख जॉन विल्स ने क्रिकेट जीवन से ही सन्यास ले लिया।
सन् 1864 के बाद क्रिकेट के विकास के लिए निरंतर प्रयास होते रहे। क्रिकेट को विकसित करने के क्रम में डॉ.डब्ल्यू.जी.ग्रेस को नहीं भुलाया जा सकता है। श्री ग्रेस ने बल्लेबाजी की तकनीक में उल्लेखनीय सुधार किया। कतिपय समीक्षक इन्हें क्रिकेट का जनक भी कहते हैं।
काउंटी क्रिकेट की शुरूआत-
सन् 1873 ई. में अधिकृत रूप से काउंटी क्रिकेट की शुरूआत हुई थी। सन् 1877 ई. में क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप मिला। इसी वर्ष एक रोमांचकारी घटना भी घटित हुई, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मध्य टेस्ट क्रिकेट का मैच खेला गया। इस मैच को आस्ट्रेलियाई टीम ने जीता। इसके विरोध स्वरूप कुछ अंग्रेज महिलाओं ने " बेल्स " जलाकर इंग्लिश क्रिकेट का दाह संस्कार सा कर दिया। बेल्स की राख को आस्ट्रेलियाई टीम को सौंप दिया गया। उल्लेखनीय है कि तभी से इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीमें 'एशेज' (राख) के लिए एक दूसरे के विरुद्ध मैच खेलती हैं, यह सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है, और एशेज क्रिकेट की शब्दावली में उल्लेखनीय शब्द बन गया है।
क्रिकेट के इतिहास का दूसरा स्वर्णिम अध्याय 'मेरिलबोन क्रिकेट क्लब' की स्थापना के साथ प्रारम्भ होता है। सन् 1787 ई. में 'मेरिलबोन क्रिकेट क्लब' की स्थापना हुई।
18 जून, सन् 1744 ई. में 'लंदन क्लब' द्वारा सर्वप्रथम क्रिकेट के नियम बनाए गए। सन् 1807 ई. में कैंट के जॉन विल्स ने पहली बार हाथ घुमाकर गेंद फेंकनी शुरू की, परन्तु यह काफी विवाद का विषय बना रहा। सन् 1822 ई. में अपनी इस विलक्षण कला का विरोध होते देख जॉन विल्स ने क्रिकेट जीवन से ही सन्यास ले लिया।
सन् 1864 के बाद क्रिकेट के विकास के लिए निरंतर प्रयास होते रहे। क्रिकेट को विकसित करने के क्रम में डॉ.डब्ल्यू.जी.ग्रेस को नहीं भुलाया जा सकता है। श्री ग्रेस ने बल्लेबाजी की तकनीक में उल्लेखनीय सुधार किया। कतिपय समीक्षक इन्हें क्रिकेट का जनक भी कहते हैं।
काउंटी क्रिकेट की शुरूआत-
सन् 1873 ई. में अधिकृत रूप से काउंटी क्रिकेट की शुरूआत हुई थी। सन् 1877 ई. में क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप मिला। इसी वर्ष एक रोमांचकारी घटना भी घटित हुई, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मध्य टेस्ट क्रिकेट का मैच खेला गया। इस मैच को आस्ट्रेलियाई टीम ने जीता। इसके विरोध स्वरूप कुछ अंग्रेज महिलाओं ने " बेल्स " जलाकर इंग्लिश क्रिकेट का दाह संस्कार सा कर दिया। बेल्स की राख को आस्ट्रेलियाई टीम को सौंप दिया गया। उल्लेखनीय है कि तभी से इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीमें 'एशेज' (राख) के लिए एक दूसरे के विरुद्ध मैच खेलती हैं, यह सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है, और एशेज क्रिकेट की शब्दावली में उल्लेखनीय शब्द बन गया है।

सन् 1909 में इंग्लैंड में इम्पीरियल क्रिकेट कांफ्रेंस की स्थापना हुई। इसी के साथ क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिली। इंग्लैंड के अतिरिक्त आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका भी इसके सदस्य बने। सन् 1926 में भारत, वेस्टइंडीज एवं न्यूजीलैंड भी इसके सदस्य बन गए। सन् 1952 में पाकिस्तान को इसकी सदस्यता मिली। सन् 1971 ई. में रंगभेद नीति के कारण दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता समाप्त कर दी गई।
सन् 1965 में ''इम्पीरियल क्रिकेट कांफ्रेंस'' का नाम बदलकर ''इंटरनेशनल क्रिकेट कांफ्रेंस'' (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट महासंघ) कर दिया गया। राष्ट्रमंडल देशों (वे देश जो कभी ब्रिटेन के उपनिवेश रहे, राष्ट्रमंडल देश कहलाते हैं ) के अतिरिक्त सहसदस्य के रूप में अन्य देशों को भी धीरे-धीरे सदस्यता मिली। वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।
भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, अमरीका, अर्जेन्टीना, कनाडा, डेनमार्क, हालैंड, कीनिया, जिम्बाब्वे, बरमूडा, फिजी, सिंगापुर, हांगकांग, इजरायल, मलेशिया आदि इसके सदस्य या सहसदस्य हैं।
सन् 1965 में ''इम्पीरियल क्रिकेट कांफ्रेंस'' का नाम बदलकर ''इंटरनेशनल क्रिकेट कांफ्रेंस'' (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट महासंघ) कर दिया गया। राष्ट्रमंडल देशों (वे देश जो कभी ब्रिटेन के उपनिवेश रहे, राष्ट्रमंडल देश कहलाते हैं ) के अतिरिक्त सहसदस्य के रूप में अन्य देशों को भी धीरे-धीरे सदस्यता मिली। वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।
भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, अमरीका, अर्जेन्टीना, कनाडा, डेनमार्क, हालैंड, कीनिया, जिम्बाब्वे, बरमूडा, फिजी, सिंगापुर, हांगकांग, इजरायल, मलेशिया आदि इसके सदस्य या सहसदस्य हैं।

5 जनवरी, 1971 ई. को क्रिकेट के इतिहास का पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मध्य खेला गया। इस मैच में 40 ओवर प्रति पारी रखा गया। इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 39.4 ओवरों में 190 रन बनाया, इसके विपरीत ऑस्ट्रेलिया ने 5 विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया।
एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के आयोजन व विकास का श्रेय इंग्लैंड को ही जाता है। इंग्लैंड के प्रयासों के परिणाम स्वरूप ही इंग्लैंड में प्रथम विश्व कप का आयोजन हुआ। इस विश्व कप क्रिकेट में आठ देशों की टीमों- भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज एवं पूर्व अफ्रीका ने भाग लिया। इस विश्व कप के फाइनल में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रनों से पराजित किया था।
एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के आयोजन व विकास का श्रेय इंग्लैंड को ही जाता है। इंग्लैंड के प्रयासों के परिणाम स्वरूप ही इंग्लैंड में प्रथम विश्व कप का आयोजन हुआ। इस विश्व कप क्रिकेट में आठ देशों की टीमों- भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज एवं पूर्व अफ्रीका ने भाग लिया। इस विश्व कप के फाइनल में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रनों से पराजित किया था।
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