भारतीय संविधान में खेलकूद राज्य का विषय है। भारतीय संविधान में वर्णित विषयों की सूची में संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूचियों में खेलकूद 'राज्य सूची' के अंतर्गत आता है। केन्द्र सरकार खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए विविध कार्यक्रम चलाती है। केन्द्र सरकार यह कार्य निम्न प्रकार से करती है-
1. राष्ट्रीय खेल परिसंघों को उनके कामकाज के बारे में दिशा-निर्देश देकर।
2. प्रशिक्षण शिविर लगाने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में टीमें भेजने के लिए वित्तीय सहायता देकर।
3. राज्यों की खेलकूद परिषदों को अनुदान देकर तथा विभिन्न खेलों के प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण संस्थान स्थापित कर।
1. राष्ट्रीय खेल परिसंघों को उनके कामकाज के बारे में दिशा-निर्देश देकर।
2. प्रशिक्षण शिविर लगाने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में टीमें भेजने के लिए वित्तीय सहायता देकर।
3. राज्यों की खेलकूद परिषदों को अनुदान देकर तथा विभिन्न खेलों के प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण संस्थान स्थापित कर।

महिला राष्ट्रीय खेल महोत्सव
भारत सरकार ने महिलाओं की खेल में समुचित भागीदारी सुनिश्चित करने के निमित्त महिला राष्ट्रीय खेल महोत्सव की शुरूआत सर्वप्रथम सन् 1975 ई. में की। वर्तमान समय में यह एक महत्वपूर्ण खेल गतिविधि बन गई है। महिला राष्ट्रीय खेल महोत्सव का आयोजन भारतीय खेल प्राधिकरण करता है। महिला राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं पहले निचले स्तर पर होती हैं, जिनका आयोजन खण्ड, जिला और राज्य स्तरों पर राज्यों द्वारा किया जाता है। इसके लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती हैं, जो निम्न है -
1-राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए 10,000 रुपये तक।
2-प्रति विकास खण्ड प्रतियोगिता के लिए-1,000 रुपये।
3-जिलास्तरीय प्रतियोगिता के लिए 3,000 रुपये।
राष्ट्रीय कल्याण कोष
भारत ने खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करने हेतु एक राष्ट्रीय कल्याण कोष की स्थापना की है। इस कोष की स्थापना सन् 1982 में की गई। इस कोष की स्थापना का उद्देश्य ऐसे विलक्षण प्रतिभाशाली महिला/पुरुष खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता देना है, जो अब खेलों के क्षेत्र में नहीं रहे तथा वे संघर्ष एवं बदहाली में जीवन यापन कर रहे हैं।
कृत्रिम मैदान निर्माण योजना-
केन्द्र सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक एवं कृत्रिम हॉकी एस्ट्रो-टर्फ बिछाने के लिए अनुदान देती है। इसके अंतर्गत राज्य सरकारों को कुल व्यय का 50 प्रतिशत सहायता के रूप में दिया जाता है। इस वित्तीय सहायता की अधिकतम राशि 50 लाख रुपये है। योजना का कार्यान्वयन भारतीय खेल प्राधिकरण के नाम से हो रहा है।
भारत में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक के मैदान
भारत में उपलब्ध सिंथेटिक ट्रैक के मैदानों में निम्नलिखित मैदान शामिल हैं-
1. जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली।
2. राष्ट्रीय खेल संस्थान, पटियाला।
3. साल्ट लेक स्टेडियम, कोलकाता।
4. मालाबार हिल्स, मुम्बई।
5. यूनिवर्सिटी स्टेडियम, तिरुअनंतपुरम।
1-राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए 10,000 रुपये तक।
2-प्रति विकास खण्ड प्रतियोगिता के लिए-1,000 रुपये।
3-जिलास्तरीय प्रतियोगिता के लिए 3,000 रुपये।
राष्ट्रीय कल्याण कोष
भारत ने खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करने हेतु एक राष्ट्रीय कल्याण कोष की स्थापना की है। इस कोष की स्थापना सन् 1982 में की गई। इस कोष की स्थापना का उद्देश्य ऐसे विलक्षण प्रतिभाशाली महिला/पुरुष खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता देना है, जो अब खेलों के क्षेत्र में नहीं रहे तथा वे संघर्ष एवं बदहाली में जीवन यापन कर रहे हैं।
कृत्रिम मैदान निर्माण योजना-
केन्द्र सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक एवं कृत्रिम हॉकी एस्ट्रो-टर्फ बिछाने के लिए अनुदान देती है। इसके अंतर्गत राज्य सरकारों को कुल व्यय का 50 प्रतिशत सहायता के रूप में दिया जाता है। इस वित्तीय सहायता की अधिकतम राशि 50 लाख रुपये है। योजना का कार्यान्वयन भारतीय खेल प्राधिकरण के नाम से हो रहा है।
भारत में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक के मैदान
भारत में उपलब्ध सिंथेटिक ट्रैक के मैदानों में निम्नलिखित मैदान शामिल हैं-
1. जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली।
2. राष्ट्रीय खेल संस्थान, पटियाला।
3. साल्ट लेक स्टेडियम, कोलकाता।
4. मालाबार हिल्स, मुम्बई।
5. यूनिवर्सिटी स्टेडियम, तिरुअनंतपुरम।
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