भारत सरकार ने खेलकूद को प्रोत्साहित करने के लिए ''राष्ट्रीय खेल नीति'' का निर्माण किया है। 19 अगस्त, 1992 को घोषित राष्ट्रीय खेल नीति वर्ष १९८४ के राष्ट्रीय खेल नीति पर संकल्प का विस्तृत रूप है। इस खेल नीति को चार भागों में विभक्त किया गया है। पहले भाग में सम्पूर्ण देश में खेल का माहौल पैदा करने के लिए बल दिया गया है। दूसरे भाग में पूरे देश में खेल के विस्तार पर बल दिया गया है। तीसरे भाग में पूरे देश में खेलों के प्रतियोगी स्तरों में सुधार पर बल दिया गया है, जबकि चतुर्थ भाग में खेल प्रबन्धन पर प्रकाश डाला गया है।
राष्ट्रीय खेल नीति की कार्ययोजना के प्रारम्भिक भाग में वर्ष 1947 के पूर्व के अंग्रेजों द्वारा संरक्षित तीन खेलों क्रमश: क्रिकेट, फुटबाल एवं हॉकी की चर्चा है, इसके पश्चात् स्वतंत्रता के बाद के खेल परिदृश्य का उल्लेख किया गया है।
राष्ट्रीय खेल नीति में चीन का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। नीति निर्माताओं ने चीन के विख्यात नेता माओत्से तुंग की एक उक्ति-'सेहत पहले, पढ़ाई बाद में' का भी उल्लेख किया है। खेल नीति में इस पर भी व्यापक प्रकाश डाला गया है कि किस प्रकार से खेलकूद रोजगार सृजन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देता है।
राष्ट्रीय खेल नीति की कार्ययोजना के प्रारम्भिक भाग में वर्ष 1947 के पूर्व के अंग्रेजों द्वारा संरक्षित तीन खेलों क्रमश: क्रिकेट, फुटबाल एवं हॉकी की चर्चा है, इसके पश्चात् स्वतंत्रता के बाद के खेल परिदृश्य का उल्लेख किया गया है।
राष्ट्रीय खेल नीति में चीन का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। नीति निर्माताओं ने चीन के विख्यात नेता माओत्से तुंग की एक उक्ति-'सेहत पहले, पढ़ाई बाद में' का भी उल्लेख किया है। खेल नीति में इस पर भी व्यापक प्रकाश डाला गया है कि किस प्रकार से खेलकूद रोजगार सृजन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देता है।

राष्ट्रीय खेल नीति-2001
11 सितंबर, 2001 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने '' राष्ट्रीय खेल नीति-2001'' को अपनी स्वीकृति प्रदान की। खेल नीति में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने, खेलों को बढ़ावा देने के लिए निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा महिला आदिवासियों व ग्रामीण युवाओं को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है।
खेल नीति में खेलों के आधार को मजबूत करने, खेलों में उच्चतम प्रदर्शन को प्राप्त करने, संरचनात्मक विकास एवं सुधारीकरण, खेल महासंघों व अन्य सम्बन्धित निकायों को सहायता देने, खेलों में वैज्ञानिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने व आम जनता में जागरूकता पैदा करने पर भी बल दिया गया है।
खेल नीति में खेलों के आधार को मजबूत करने, खेलों में उच्चतम प्रदर्शन को प्राप्त करने, संरचनात्मक विकास एवं सुधारीकरण, खेल महासंघों व अन्य सम्बन्धित निकायों को सहायता देने, खेलों में वैज्ञानिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने व आम जनता में जागरूकता पैदा करने पर भी बल दिया गया है।

भारत में खेलों के विकास के लिए एक खेल प्राधिकरण है। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री एवं उपाध्यक्ष खेल मंत्री होते हैं। यह प्राधिकरण एक स्वायत्तशासी संकाय है। यह न केवल सरकारी अपितु निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों से खेल के सम्यक् विकास के लिए धन एकत्र करता है।
खेल प्राधिकरण में एक महानिदेशक एवं सचिव का पद है। इसके प्रथम महानिदेशक मेजर जनरल नरेन्द्र सिंह एवं सचिव ए.एस.तलवार बने। खेल प्राधिकरण के विभिन्न सदस्यों में केन्द्रीय वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, रेलवे मंत्री, संचार मंत्री, आवास एवं निर्माण मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, शिक्षा मंत्री, उद्योग एवं आवास मंत्री शामिल होते हैं।
प्राधिकरण में वे लोग भी सम्मिलित होते हैं, जो खेल के विकास में उल्लेखनीय योगदान देते हैं, ऐसे तीन व्यक्तियों को इसका सदस्य मनोनीत किया जाता है।
प्राधिकरण के अन्य सदस्य दिल्ली के उपराज्यपाल, ओलम्पिक परिषद (भारत) के अध्यक्ष, तीन सांसद, उद्योग एवं वाणिज्य मंडल का एक प्रतिनिधि व तीन उच्च कोटि के खिलाड़ी होते हैं।
खेल प्राधिकरण केन्द्र सरकार के खेल विभाग के दिशा-निर्देशन में कार्य करता है। इसका मुख्यालय जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में है।
खेल प्राधिकरण में एक महानिदेशक एवं सचिव का पद है। इसके प्रथम महानिदेशक मेजर जनरल नरेन्द्र सिंह एवं सचिव ए.एस.तलवार बने। खेल प्राधिकरण के विभिन्न सदस्यों में केन्द्रीय वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, रेलवे मंत्री, संचार मंत्री, आवास एवं निर्माण मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, शिक्षा मंत्री, उद्योग एवं आवास मंत्री शामिल होते हैं।
प्राधिकरण में वे लोग भी सम्मिलित होते हैं, जो खेल के विकास में उल्लेखनीय योगदान देते हैं, ऐसे तीन व्यक्तियों को इसका सदस्य मनोनीत किया जाता है।
प्राधिकरण के अन्य सदस्य दिल्ली के उपराज्यपाल, ओलम्पिक परिषद (भारत) के अध्यक्ष, तीन सांसद, उद्योग एवं वाणिज्य मंडल का एक प्रतिनिधि व तीन उच्च कोटि के खिलाड़ी होते हैं।
खेल प्राधिकरण केन्द्र सरकार के खेल विभाग के दिशा-निर्देशन में कार्य करता है। इसका मुख्यालय जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में है।
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