''टी-20 क्रिकेट'' क्रिकेट का आधुनिक संस्करण है। क्रिकेट का यह छोटा संस्करण कम समय में ही काफी लोकप्रिय हो चुका है। क्रिकेट के इस प्रारूप में प्रत्येक टीम को 20 ओवर खेलने होते हैं। क्षेत्ररक्षण कर रही टीम के प्रत्येक गेंदबाज को चार-चार ओवर फेंकने पड़ते हैं, बाकी नियम एकदिवसीय मैचों की तरह ही होते हैं। टी-20 क्रिकेट के इतिहास में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 17 फरवरी, 2005 को आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के मध्य खेला गया था। इस मैच में आस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 44 रनों से हरा दिया था।
भारत ने अपना पहला टी-20 क्रिकेट मैच 1 दिसम्बर 2006 को जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के विरूध्द खेला था। इस मैच में भारत 6 विकेट से विजयी रहा था। दक्षिण अफ्रीकी टीम ने पहले खेलते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 9 विकेट पर 126 रन बनाए, जिसके जवाब में भारतीय टीम ने एक गेंद शेष रहते 19.4 ओवरों में 6 विकेट खोकर 127 रन बना लिए। भारत के दिनेश कार्तिक को 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया।
भारत ने अपना पहला टी-20 क्रिकेट मैच 1 दिसम्बर 2006 को जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के विरूध्द खेला था। इस मैच में भारत 6 विकेट से विजयी रहा था। दक्षिण अफ्रीकी टीम ने पहले खेलते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 9 विकेट पर 126 रन बनाए, जिसके जवाब में भारतीय टीम ने एक गेंद शेष रहते 19.4 ओवरों में 6 विकेट खोकर 127 रन बना लिए। भारत के दिनेश कार्तिक को 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया।

टी-20 विश्व कप क्रिकेट-
टी-20 क्रिकेट के पहले विश्व कप का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में 11 से 24 सितंबर 2007 के दौरान हुआ। टी-20 क्रिकेट का पहला विश्व कप भारत ने जीता। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के तत्वाधान में टी-20 क्रिकेट चैम्पियनशीप का आयोजन हर वर्ष किया जाएगा।
सुपरमैक्स क्रिकेट-
'सुपरमैक्स क्रिकेट' क्रिकेट का आधुनिक संस्करण हैं। टेस्ट मैचों व एकदिवसीय मैचों के पश्चात् क्रिकेट अब इस नये रूप में विकसीत हो रहा है। इसके तहत प्रत्येक टीम को 10-10 ओवर खेलने को मिलेंगे। कुल मिलाकर साढ़े तीन घण्टे के इस मैच में दोनों टीमों को 10 ओवर की एक-एक पारी के लिए 45 मिनट का समय प्रदान किया जाता है। बल्लेबाज द्वारा लगाए गए प्रत्येक चौके पर इस तरह के मैच में 8 रन प्रदान किये जाते हैं, जबकि बल्लेबाज के सामने स्थित मैक्सजोन में गेंद जाने पर 12 रन प्रदान किये जाते हैं। मैक्सजोन में किसी क्षेत्ररक्षक को खड़ा करने की अनुमति नहीं होती। ''नो बाल'' व वाइड बाल की स्थिति में अगली गेंद पर बल्लेबाज फ्री हिट लगा सकता है तथा उस पर उसे आउट घोषित नहीं किया जा सकता। ''सुपरमैक्स'' क्रिकेट के जनक न्यूजीलैंड कें पूर्व कप्तान (वर्तमान में टीवी कमन्ट्रेटर) मार्टिन क्रो हैं।
भारत का पहला सुपरमैक्स क्रिकेट-
भारत ने अपना पहला सुपरमैक्स क्रिकेट क्राइस्ट चर्च में 4 दिसम्बर,2002 को खेला। न्यूजीलैंड ने यह मैच 21 रनों से जीता। न्यूजीलैंड की टीम ने अपनी दोनों पारियों में क्रमश: 5 विकेट पर 123 व 7 विकेट पर 118 रन बनाये, जबकि भारतीय टीम ने पहली पारी में 5 विकेट पर 133 रन बनाने के पश्चात् दूसरी पारी में 6 विकेट खोकर 87 रन ही बना सकी। पहली पारी में 27 गेंदों पर 72 रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर को ''मैन ऑफ दी मैच'' घोषित किया गया। इस मैच में भारतीय टीम का नेतृत्व वी.वी.एस.लक्ष्मण ने किया था।
सुपरमैक्स क्रिकेट-
'सुपरमैक्स क्रिकेट' क्रिकेट का आधुनिक संस्करण हैं। टेस्ट मैचों व एकदिवसीय मैचों के पश्चात् क्रिकेट अब इस नये रूप में विकसीत हो रहा है। इसके तहत प्रत्येक टीम को 10-10 ओवर खेलने को मिलेंगे। कुल मिलाकर साढ़े तीन घण्टे के इस मैच में दोनों टीमों को 10 ओवर की एक-एक पारी के लिए 45 मिनट का समय प्रदान किया जाता है। बल्लेबाज द्वारा लगाए गए प्रत्येक चौके पर इस तरह के मैच में 8 रन प्रदान किये जाते हैं, जबकि बल्लेबाज के सामने स्थित मैक्सजोन में गेंद जाने पर 12 रन प्रदान किये जाते हैं। मैक्सजोन में किसी क्षेत्ररक्षक को खड़ा करने की अनुमति नहीं होती। ''नो बाल'' व वाइड बाल की स्थिति में अगली गेंद पर बल्लेबाज फ्री हिट लगा सकता है तथा उस पर उसे आउट घोषित नहीं किया जा सकता। ''सुपरमैक्स'' क्रिकेट के जनक न्यूजीलैंड कें पूर्व कप्तान (वर्तमान में टीवी कमन्ट्रेटर) मार्टिन क्रो हैं।
भारत का पहला सुपरमैक्स क्रिकेट-
भारत ने अपना पहला सुपरमैक्स क्रिकेट क्राइस्ट चर्च में 4 दिसम्बर,2002 को खेला। न्यूजीलैंड ने यह मैच 21 रनों से जीता। न्यूजीलैंड की टीम ने अपनी दोनों पारियों में क्रमश: 5 विकेट पर 123 व 7 विकेट पर 118 रन बनाये, जबकि भारतीय टीम ने पहली पारी में 5 विकेट पर 133 रन बनाने के पश्चात् दूसरी पारी में 6 विकेट खोकर 87 रन ही बना सकी। पहली पारी में 27 गेंदों पर 72 रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर को ''मैन ऑफ दी मैच'' घोषित किया गया। इस मैच में भारतीय टीम का नेतृत्व वी.वी.एस.लक्ष्मण ने किया था।
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