नई दिल्ली। तमाम विवादों को दरकिनार करते हुए रविवार की रात दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में जिस तरह से राष्ट्रमंडल खेलों का शुभारम्भ हुआ उससे इन खेलों के आयोजन को लेकर भारत की आलोचना करने वाले तथा पूरी दुनिया के खेल प्रेमी दंग रह गए। 19वें राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में रविवार को भारतीय संस्कृति और अनेकता में एकता का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित भव्य समारोह में भारतीय संस्कृति के अनुरूप उद्घाटन की शुरुआत शंखनाद से हुई और फिर डंग चेन ने दर्शकों का मन मोह लिया। डंग चेन भारत के सबसे पुराने वाद्य यंत्रों में शामिल है। शंख और डंग चेन की ध्वनि एक साथ आसमान में गूंजने लगी तो लगा मानो कोई बड़ा धार्मिक आयोजन शुरू होने वाला है। इस बीच उद्घाटन समारोह में एक मासूम बालक केशव ने पूरे आत्मविश्वास के साथ तबला वादन कर समां बांध दिया।
इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों के ड्रम वादकों ने दर्शनीय छठा बिखेरकर विदेशी दर्शकों को भी झूमने के लिए मजबूर कर दिया। इसकी शुरुआत मणिपुर के विशिष्ट शास्त्रीय नृत्य 'पंग चोलम' से हुई जो मणिपुरी संकीर्तन संगीत और मणिपुर नृत्य पर आधारित है। इसमें नर्तक ड्रम बजाते हुए नृत्य कर रहे थे। इस दौरान शानदार आतिशबाजी से समारोह स्थल जगमगा गया।
राष्ट्रमंडल खेलों का यह समारोह किसी मेले या शादी से कहीं अधिक भव्य और आलीशान था। समारोह में भारतीय संस्कृति को बहुत ही आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया गया। शादियों, दीवाली, रक्षाबंधन, भैया दूज, ईद, करवा चौथ आदि त्यौहारों पर महिलाओं के हाथों में सजने वाली मेंहदी के हुनर को भी इस समारोह का हिस्सा बना।
गुरु-शिष्य परम्परा की मिसाल तानपुरा के जरिए पेश की गई जिसमें गुरू अपने शिष्य को जब शास्त्रीय संगीत सिखाता तो पीछे बोधि वृक्ष का आकार बनता है। तबला, सितार और मृदगंम ने अपनी सुरीली तान छेड़ी तो भरतनाट्यम, ओडिसी, कत्थक, मणिपुरी, मोहिनीट्टम और कुचिपुड़ी नृत्य भी पेश किए गए।
सात चक्र भारतीय संस्कृति का अहम अंग रहे है। ये सातों चक्र बीजा मंत्र लाम, वाम, राम, याम, हाम, शाम और यू के बैकग्राउंड संगीत के साथ अवतरित हुए। कुंडलिनी योग और पदमासन का विशेष रूप से प्रदर्शन किया गया तो इस बीच वेदिक मंत्र, बौद्व श्लोकों, मंत्रों, अजान और गुरूवाणी के जरिए दिखाया गया कि भारत किस तरह सभी धर्मो को अपने मे समेट कर उन्हें पूरा सम्मान देता है। 'ग्रेट इंडियन जर्नी' में भारतीय बाजार, महिलाओं द्वारा धान की कटाई, किसानों का खेत जोतना, और धोबी घाट का नजारा पेश किया गया। ग्रामीण भारत की झलक रिक्शा, आटो, मछुआरों, दूधवाले, हाकर, चायवाले और कारीगरों के जरिए पेश की गई।
विदेशी मीडिया ने भी राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह की तारीफों के पुल बांधे। ब्रिटेन के अख़बार द गार्जियन ने राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह को शानदार कहा है। जबकि, ब्रिटेन के अन्य अख़बार टेलीग्राफ ने भी उद्घाटन समारोह को शानदार करार दिया है। जबकि ऑस्ट्रेलिया के मशूहर अख़बार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उद्घाटन समारोह की भव्यता ने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया।
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