डरबन। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ की बोलती बंद करते हुए भारतीय टीम ने किंग्समीड स्थित सहारा क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को 87 रनों से हरा दिया। इस जीत ने भारत को तीन मैचों की श्रृंखला में 1-1 की बराबरी पर ला दिया है। इस जीत के बाद स्मिथ भी जान गए हैं कि क्यों टीम इंडिया ही विश्व की नंबर एक टेस्ट टीम का ताज पहनने की हकदार है।
इस टेस्ट मैच में भारत उन अहम मौकों को नहीं चूका जो मैच का रूख बदल सकती थी। या यूं कहें कि मैच का हर टर्निंग प्वाइंट भारत के पाले में गया। चाहे वह मुश्किल कैच हो या नॉन स्ट्राइकर छोर पर कैलिस का रन आउट। इसके साथ दूसरी पारी में लक्ष्मण और जहीर खान के बीच 70 रनों की जुझारू साझेदारी ने टीम के लिए जीत का आधार रखने का काम किया।
दरअसल डरबन टेस्ट मैच आईसीसी की उन कोशिशों को और मजबूती देता है जिसमें इस खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट को बढ़ावे देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। क्योंकि लगभग चार दिनों में खत्म हुए इस मुकाबले में हर सत्र में खेल का रूख बदलता था। जहां पहला दिन साउथ अफ्रीका के नाम रहा तो दूसरा दिन टीम इंडिया के पाले मे। क्रिकेट पंडितों के लिए यह अनुमान लगा पाना मुश्किल हो गया था कि मैच में किस टीम का पलड़ा भारी है।
मैच के असली हीरो रहे वैरी वैरी स्पेशल लक्ष्मण, लक्ष्मण ने दूसरी पारी में 96 रनों की पारी खेल ये जता दिया की वो धोनी के असली लक्ष्मण हैं। उनकी यह पारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि ये पारी उस समय खेली गई जब भारतीय टीम के धुरंधर पानी मांगते नज़र आ रहे थे। सचिन को भारतीय क्रिकेट का भगवान कहा जाता है लेकिन लक्ष्मण भारतीय क्रिकेट के ब्रम्हा हैं जो ऐसे समय प्रकट होते हैं जब टीम को असली में उनकी जरुरत होती है। लक्ष्मण कितने बड़े खिलाड़ी हैं ये अब दक्षिण अफ्रीका को भी समझ में आ गया होगा।
लक्ष्मण के बाद बात करते हैं जहीर खान की। उनकी अनुपस्थिति में पहले टेस्ट मैच में भारतीय गेंदबाज स्कूल टीम के गेदबाजों की तरह गेंदबाजी कर रहे थे। लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में जहीर के आते ही मानो भारतीय गेंदबाजों की गेंदबाजी में तूफान आ गया। पहले टेस्ट में जहाँ दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने 4 विकेट पर 620 रन बनाये थे वहीँ दूसरे टेस्ट में पहली पारी में मात्र 131 और दूसरी पारी में केवल 215 रन ही बनाने में सफल हो सके।
दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भारत को जीत के लिए सात विकेट चटकाने थे। भारतीय गेंदबाजों ने तीसरे दिन नाबाद लौटे जैक्स कैलिस (17) और अब्राहम डिविलियर्स (33) समेत मार्क बाउचर (1), डेल स्टेन (10), पॉल हैरिस (7), लोनवालो त्सोत्सोबे (0) और मोर्न मोर्कल (20) को आउट कर जीत हासिल की।
डरबन टेस्ट मैच में ऐसे कई मौकों आए जिन्हें टर्निंग प्वांइट कहा जा सकता है। स्विंग और उठाल भरी पिच पर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का प्रदर्शन, टीम इंडिया का क्षेत्ररक्षण, जहीर खान की वापसी और कभी न हार मानने वाले भारत के रवैये ने मैच के साथ सीरीज का रूख भी बदलकर रख दिया है।