Sunday, December 12, 2010

बाजारू बहाव में बांध बने सचिन

भारत के महान बल्लेबाज सचिन रमेश तेंदुलकर ने वार्षिक 20 करोड़ रुपए के शराब कंपनी का विज्ञापन ठुकरा कर जता दिया कि भारत में क्यों उन्हें भगवान की उपाधि प्राप्त है। सचिन एक महान क्रिकेटर का ही नहीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत का नाम है, जो अपनी सामाजिक जिम्‍मेदारियों के प्रति भी पूरी तरह से सजग हैं।

सचिन ने अपने इस फैसले से विश्व क्रिकेट जगत में धन कमाने की लालसा को खत्म करने की पहल की है। इससे न केवल नई पीढ़ी के उभरते क्रिकेटरों को बड़ी प्रेरणा मिलेगी; बल्कि क्रिकेट में मैच फिक्सिंग जैसे कारनामे करने वालों के मुंह पर भी बड़ा तमाचा लगेगा।

सचिन तेंदुलकर ने यह प्रस्ताव इसलिए ठुकराया कि उन्होंने अपने पिता रमेश तेंदुलकर से वादा किया था कि वह शराब, तंबाकू और ऐसी किसी चीज का प्रचार नहीं करेंगे, जिसका युवाओं पर गलत असर पड़े। अपने इसी वादे को निभाते हुए मास्टर ब्लास्टर ने इस विज्ञापन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। सचिन खुद भी शराब और तंबाकू उत्पादों के प्रचार के सख्त खिलाफ रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ, टीम इंडिया के युवा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दोनों हाथों से धन बटोर रहे हैं। पहले विजय माल्या की यूबी ग्रुप के 26 करोड़ रुपए और फिर उसके बाद मैक्स मोबाइल से 29 करोड़ रुपए का अनुबंध। विज्ञापन की इस दौड़ में धोनी ने कभी उसूलों का ख्याल नहीं रखा। पैसा कमाने के लिए धोनी ने व्हिस्की बनाने वाली रॉयल स्टेग के लिए विज्ञापन किए हैं।

सिर्फ धोनी ही नहीं बल्कि हरभजन सिंह, गौतम गंभीर और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी भी सोडा के नाम पर शराब बेचने वाली इस कंपनी के लिए विज्ञापन करते हैं। युवा बल्लेबाज विराट कोहली तो बॉलीवुड बाला जिनेलिया के साथ एक घड़ी और बैग के विज्ञापन में एक बिगड़ैल लड़के की भूमिका में दिखते हैं। कभी वो जिनेलिया के साथ इश्क फरमाते हैं तो कभी प्यार की निशानी को छुपाने के प्रयासों में जुटे दिखते हैं।

अभी वो बात लोगों के जेहन में ताजा होगी जब हरभजन सिंह एक शराब के विज्ञापन में अपने केश खोलकर नजर आये थे, जिसके बाद धार्मिक संगठन भड़क गये थे। बाद में हरभजन को माफी मांगनी पड़ी थी। ये सभी खिलाड़ी अभी युवा हैं, लेकिन यूथ आइकन होने के नाते इस प्रकार के विज्ञापन करना टीम इंडिया की इमेज को खराब करता है। इन सभी खिलाड़ियों को सचिन से सीख लेने की जरूरत है।

सचिन ने क्रिकेट के अलावा विज्ञापन की दुनिया में भी कई ऊंचाइयों को छू रखा है, लेकिन इसके लिए उन्होंने कभी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया। सचिन ना तो कभी किसी चेहरे की रंगत बढ़ाने वाली क्रीम का प्रचार करते दिखे और ना ही कभी सिगरेट या शराब के विज्ञापन में।

सचिन की यही वो बात है जो उन्हें केवल एक महान क्रिकेटर ही नहीं, बल्कि एक महान इंसान बताती है।

1 comment:

  1. सचिन यदि हमेशा इसी तरह बने रहे तो ये सभी के लिये मिसाल का काम करेगें। जिस से दूसरों को प्रेरणा मिलेगी। प्रशंसनीय कदम है सचिन का। उन्हे इस कार्य के लिये बधाई।

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