क्रिकेट की किवदंती बन चुके महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की तारीफ के लिए शायद बड़े से बड़े लेखक के पास भी अब शब्दों की कमी हो गई होगी। मास्टर ब्लास्टर ने सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट मैदान पर रविवार को 50वां टेस्ट शतक जमाकर इतिहास रच दिया। ऐसा करने वाले वो विश्व के पहले और एकमात्र बल्लेबाज हैं। यह शतक उस खिलाड़ी ने लगाया जो पिछले 22 वर्षों से लगातार क्रिकेट खेल रहा है। आज भारत सहित पूरे विश्व क्रिकेट में सिर्फ तेंदुलकर के 50 वें शतक की चर्चा है।
क्रिकेट हो या राजनीति हमेशा से भारत का विरोधी रहा पाकिस्तान भी इस महान बल्लेबाज की तारीफ करते नहीं थक रहा है। पाकिस्तानी टीम के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने कहा, 'तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान बल्लेबाज का खिताब पाने के हकदार हैं।'
जिस टीम के खिलाफ सचिन ने शतकों का अर्धशतक पूरा किया उसके कप्तान ग्रीम स्मिथ ने भी मास्टर को बधाई दी है। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान लिखते हैं, 'सचिन को उनके 50वें शतक की शुभकामनाएं। कभी कभी आपको वो करना पड़ता है जो कि आपका काम है, भले ही आपका वो करने का मन हो या नहीं। हमने अंतिम सत्र में अपने लिए रास्ता बना लिया है।'
यही नहीं बड़ी-बड़ी हस्तियां भी मास्टर के इस कारनामे को नमन कर रही हैं। सुरों की मलिका आशा भोंसले ने ट्विटर पर लिखा है, सचिन को बहुत-बहुत बधाई। यदि सचिन अब भी भारत रत्न पाने का अधिकार नहीं रखते तो उन्हें इस सम्मान से कब नवाजा जाएगा।
दुनिया के महानतम बल्लेबाज सचिन ने इस पारी के दौरान मौजूदा कैलेंडर वर्ष में अपने 1500 रन भी पूरे कर लिए। उन्होंने करियर में पहली बार कैलेंडर वर्ष में 1500 से ज्यादा रन बनाए हैं। इससे पहले एक कैलेंडर वर्ष में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1392 रन था जो उन्होंने 2002 में बनाया था। उन्होंने एक कैलेंडर वर्ष में छठी बार 1000 से ज्यादा रन पूरे किए हैं। वे इससे पहले 1997, 1999, 2001, 2002 और 2008 में 1000 से ज्यादा रन बना चुके हैं।
अपने करियर के शुरुआत मे सचिन की खेल शैली आक्रामक हुआ करती थी। सन् 2004 से वे कई बार चोटग्रस्त रहे हैं। इस वजह से उनके क्रिकेट जीवन को समाप्त मन जाने लगा था। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ईयन चैपल ने तो यहाँ तक कह दिया था कि तेंदुलकर अब पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे। किन्तु 2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तेंदुलकर ने कई बार अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी का परिचय दिया। इसके बाद सचिन रुके नहीं और अपने हर आलोचना का करार जवाब दिया।
टेस्ट ही नहीं एकदिवसीय मैचों में भी सचिन रिकार्डों के बादशाह हैं। एकदिवसीय मैचों में सचिन ने अब तक 48 शतक लगाये हैं। चौबीस फरवरी का दिन हर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में ताजा होगा। ग्वालियर के कैप्टन रुप सिंह स्टेडियम में इसी दिन क्रिकेट के सुपरमैन सचिन रमेश तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका के ही खिलाफ धुआंधार पारी खेलते हुए सिर्फ 147 गेंदों में 25 चौकों, 3 गगनचुम्बी छक्कों की मदद से नाबाद 200 रन बनाए थे।
एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास के 40 साल और 2,961 मैचों के बाद कोई खिलाड़ी पहला दोहरा शतक लगाने में कामयाब हुआ है। इनके एकदिवसीय रिकॉर्ड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनका एकदिवसीय रिकॉर्ड टीम के शेष दस खिलाड़ियों के कुल रिकॉर्डो से श्रेष्ठ है। अब क्रिकेट प्रेमियों को इंतजार है सचिन के शतकों के शतक के जिससे वो सिर्फ दो कदम दूर हैं। मास्टर ब्लास्टर साल दर साल अपने प्रदर्शन से अपने आलोचकों को चौंकाते रहे हैं। टॉप ग्रेड के उनके खेल के कारण ही वे सफलता के शीर्ष पर बने हुए हैं। उनकी उपलब्धियां अद्भुत हैं। इन सारी खूबियों के बावजूद वे जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं। हर कोई सचिन के इस 50 वें शतक की पारी को देखकर गदगद है।
खेल के लिए आपका कार्य काफ सराहनीय है भाई..
ReplyDeleteअब लगता है की पीटीआई को भी खेल पर टिपण्णी के लिए आप अपना ब्लॉग ऑफर करेंगे..
कर दो यार बहुत कुछ मिल सकता है ब्लॉग से पीटीआई को ...
बहुत शानदार