Wednesday, May 2, 2012

गरीबी ने ‘स्टार’ धनुर्धर से बिकवाया उसका धनुष


जमशेदपुर,। ऐसे समय में जब राष्ट्रीय टीम में शामिल होते ही भारतीय क्रिकेटर 'धन कुबेरों' की फेहरिस्त में शामिल हो जाते हैं। देश की एक पूर्व स्टार महिला तीरंदाज को ऐसी गरीबी और तंगहाली झेलनी पड़ रही है कि उसे मिट्टी से बने अपने टूटे घर की मरम्मत के लिए कोरियाई कोच से उपहार में मिला चार लाख रुपये का कीमती 'धनुष' तक औने पौने दाम में बेच देना पड़ा है।

दक्षिण एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक के अलावा वर्ष 2007 में ताईवान में हुए एशियाई ग्रां प्री में सर्वश्रेष्ठ धर्नुधर का पुरस्कार जीत चुकी निशा रानी यहां से लगभग 35 किलोमीटर दूर झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा इलाके के एक गरीब परिवार से संबंध रखती हैं। वर्ष 2006 में बैंकॉक के एशियाई ग्रां प्री में कांस्य जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य रह चुकी निशा ने हाल में अपना चार लाख रुपये का धनुष मात्र 50 हजार रुपए में बेच दिया।

निशा के पारिवारिक सूत्रों ने आज बताया कि तंगहाली के चलते निशा को यह कदम उठाना पड़ा। मिट्टी का घर ढह रहा था और मरम्मत के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी। कोरियाई कोच ने उसकी प्रतिभा से खुश होकर यह धनुष उसे तोहफे में दिया था। उसे इससे भावनात्मक लगाव तो था पर तंगहाली के आगे वह मजबूर हो गयी। तीन बहनों में मंझली निशा ने तीरंदाजी करयिर पर अधिक ध्यान देने के लिए ही शादी नहीं की जबकि उसकी छोटी और बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है।

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि दो बड़ी तीरंदाजी अकादमियों से जुड़ी रही निशा को उम्मीद थी कि खेल से उसकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी पर ऐसा हुआ नहीं। बहरहाल, तंगहाली के बावजूद उसने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है और उसे लगता है कि सरकार उसकी बदहाली दूर करने के लिए आगे आयेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/29.03.2012/आकाश।

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