ऐतिहासिक फिरोजशाह कोटला के मैदान पर '27 साल'
की युवा भारतीय टीम ने भारत के 81 साल के
टेस्ट इतिहास में पहली बार आस्ट्रेलिया को हराकर आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों
की श्रृंखला में क्लीनस्वीप किया। कोटला
के 65 साल के टेस्ट इतिहास में अनेक बेमिसाल रिकॉर्ड बने हैं। उनमें से कई रिकार्ड
अब भी कायम हैं लेकिन जब भी इस मैदान पर कोई नया मैच खेला जाता है तो उनके टूटने
की सम्भावना बनी रहती है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 मार्च से चौथे टेस्ट मैच के शुरू होते
ही भारतीय टीम के इस मैदान पर 26 साल से अजेय रहने के रिकॉर्ड के ध्वस्त होने का फिर
से खतरा उत्पन्न हो गया था।
भारतीय टीम पर इसे बचाते हुए ऑस्ट्रेलिया को इस मैदान पर 1959 के बाद
पहली जीत हासिल करने से रोकने की चुनौती भी थी। तीन दिनों में जीत हासिल करके
महेंद्र सिंह धौनी की टीम ने इस रिकॉर्ड के साथ-साथ दिल्लीवासियों के भरोसे को भी
बरकरार रखा है।
बीते 27 साल से कोटला, भारतीय टीम के लिए भाग्यशाली रहा
है, क्योंकि इस दौरान यहां खेले गए नौ मैचों में से भारत एक
भी हारा नहीं है। कोटला में भारत को अंतिम बार 29 नवम्बर, 1987
में हार मिली थी, जब वेस्टंडीज ने उसे पांच विकेट से हराया
था।
उससे पहले के 10 मैच भी भारत के लिए काफी खराब रहे थे। 1972 से लेकर
1987 के बीच भारत को 1972, 1974 और 1976 में क्रमश: इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड से हार मिली थी।
इसके बाद 1979 से 1983 के बीच पांच मैच बेनतीजा रहे और फिर 1984 में
भारत को एक बार फिर इंग्लैंड ने पटखनी दी। वेस्टइंडीज से 1987 में मिली हार से ठीक
पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें इस मैदान पर भिड़ी थीं, जिसका
नतीजा नहीं निकल सका था।
वर्ष 1987 में भारत ने वेस्टइंडीज से पटखनी खाने के बाद इस मैदान पर
अपनी जीत का अजेय क्रम शुरू किया और उसके बाद कुल 10 मैचों में से नौ में जीत
हासिल की। वर्ष 2008 में ऑस्ट्रेलिया के साथ यहां एक बार फिर भिड़ंत हुई थी, जो
बेनतीजा रहा था।
इस मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह सातवां मैच हुआ, जिसमें
से अब तक भारत को तीन मैचों में जीत मिली है जबकि एक में ऑस्ट्रेलिया जीता है। तीन
मैच बराबरी पर छूटे हैं। भारत ने 1996 और 1969 में ऑस्ट्रेलिया को हराया था।
No comments:
Post a Comment