19वें राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करना भारत के लिए गर्व की बात है। यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर के अंतरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन भारत में हो रहा है। राजधानी दिल्ली में 3 से 14 अक्टूबर 2010 के बीच आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में 71 देश के 8,000 खिलाड़ी व अधिकारी, 17 विभिन्न प्रकार के खेलों में भाग लेंगे। गत् 29 अक्तूबर 09 को लंदन में ब्रिटेन की महारानी ने ‘बेटन रिले’ रवाना कर राष्ट्रमंडल खेलों की भव्य शुरूआत की।
‘बेटन रिले’ का सफरनामा
राष्ट्रमंडल खेलों की एक महान परम्परा है ‘बेटन रिले’। पारम्परिक रूप से ब्रिटेन की महारानी लंदन के बकिंघम पैलेस से ‘बेटन रिले’ अर्थात मशाल सौंपकर राष्ट्रमंडल खेलों का शुभारंभ करती हैं। इस दौरान महारानी अपने संदेश के साथ किसी एथलीट को बेटन सौंपती हैं जो रिले का प्रथम मानद धावक होता है। इस वर्ष महारानी एलिजाबेथ ने यह बेटन भारत के ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा को सौंपी।

वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में महारानी की मशाल 8 मार्च, 2009 को इंडिया गेट पर एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई। मशाल का हेलिक्स का आकार एल्युमिनियम का बना होता है। इस पर काले, पीले और लाल रंग में मिट्टी के नमूने उभार तथा पर्त के रूप में लगाए गए हैं। यह हमारे देश की विविधता को प्रदर्शित करते हैं। मशाल के शीर्ष पर एक पारदर्शी पॉलीकार्बोनेट का आवरण है जिस पर महारानी द्वारा सौंपा गया 'एथलिट संदेश' रखा जाएगा। वर्ष 2009 में महारानी की ‘बेटन रिले’ को सभी राष्ट्रमंडल देशों की यात्रा पूरी करने में 240 दिन का समय लगने की आशा है जिसमें 1,70,000 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। इसके बाद यह 100 दिन का राष्ट्रीय दौरा आरंभ करेगी जिसमें यह बेटन भारत के प्रत्येक राज्य और उसकी राजधानी में जाएगी, और यह लगभग 20000 किलोमीटर की अतिरिक्त यात्रा होगी। यह रिले 3 अक्तूबर, 2010 नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में प्रवेश करते समय अंतिम बेटन के साथ पूरी होगी। तब यह मशाल महारानी या उनके प्रतिनिधि को वापस सौंपी जाएगी और उनका संदेश पढ़ा जाएगा।
प्रतीक चिन्ह ‘शेरा’ और लोगो:-
2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल का प्रतीक चिन्ह भारत का राष्ट्रीय पशु शेर है। जिसको शेरा नाम दिया गया है। मेलबर्न के राष्ट्रमंडल खेलों के समापन समारोह में विश्व के सामने प्रस्तुत किया गया शेरा शौर्य, साहस, शक्ति और भव्यता की मान्यताएं रखता है। यह नारंगी और काली पट्टियों वाला शेर भारत की भावना को प्रकट करता है।

दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों का लोगो चक्र- राष्ट्र की स्वतंत्रता, एकता और शक्ति का राष्ट्रीय प्रतीक है। ऊपर की ओर सक्रिय यह सतरंगा चक्र मानव आकृति में दर्शाया गया है जो एक गर्वोन्नत और रंग बिरंगे राष्ट्र की वृद्धि को ऊर्जा देने के लिए भारत के विविध समुदायों को एक साथ लाने का प्रतीक है। लोगो की प्रेरणादायी पंक्ति 'आएं और खेलें' है। यह राष्ट्र के प्रत्येक व्यक्ति को इसमें भाग लेने का एक निमंत्रण है जो अपनी सभी संकुचित भावनाओं को छोड़ें और अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार खेल की सच्ची भावना के साथ इसमें भाग लें।
राष्ट्रमंडल खेलों पर एक नजर:-
राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय चुनौती-राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की उम्मीदें जिन खिलाड़ियों से हैं उनमें शूटिंग में अभिनव बिन्द्रा (बीजिंग ओलिम्पक 2008 के ‘शूटिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक, मैनचेस्टर 2002 तथा मेलबर्न 2006 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता), कुश्ती में सुशील कुमार (2003, 2005,व 2007 में राष्ट्रमंडल खेलों के कुश्ती चैम्पियनशिप विजेता तथा बीजिंग ओलिम्पक 2008 में कांस्य पदक विजेता) मुक्केबाजी में विजेन्दर सिंह (बीजिंग ओलिम्पक में कांस्य, 2006 मेलबर्न में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में रजत तथा 2006 के दोहा एशियन खेलों में कांस्य पदक) टेनिस के पुरूष वर्ग में लिएंडर पेस व सोमदेव वर्मन और महिला वर्ग में सानिया मिर्जा, बैडमिंटन में साइना नेहवाल तथा तैराकी में विधावल खाडे तैराक प्रमुख हैं।
जिन पर होगी दुनियां की निगाहें:-
राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाले प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों मे आस्ट्रेलिया की महिला तैराक स्टेफनी राइस, पुरुषों में इंग्लैंड के रिबेका एडलिंगटन, एथलेटिक्स में जमैका के उसेन बोल्ट तथा महिलाओं में शैली अनफ्रेजर, साईकिलिंग में स्काटलैंड के क्रिस हॉय, बैडमिंटन में मलेशिया के ली चोंग वी आदि खिलाड़ियों पर सारी दुनियां की निगाहें टिकी होंगी।
19वें राष्ट्रमंडल खेलों के प्रमुख खेल:-
तीरंदाजी, साईकिलिंग, नेटबॉल, टेबल टेनिस, टेनिस, एथलेटिक्स, जिम्नास्टिक, बैडमिंटन, हॉकी, शूटिंग, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी, तैराकी, स्क्वैश, कुश्ती, लॉन बाउल्स
प्रमुख सुविधाएं
खिलाड़ियों और मेहमानों के स्वागत के लिए विशेष तौर से 30,000 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मेहमानों के यातायात के लिए मेट्रो रेल और बस सेवा को विकसित किया जा रहा है। दर्शकों व खिलाड़ियों के चिकित्सकीय व्यवस्था के लिए डा.राम मनोहर लोहिया अस्पताल, गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान में की जा रही है, जहां खिलाड़ियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और बाहर से आने वाले दर्शकों के लिए मुफ्त चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी।
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