Friday, August 13, 2010

भारत में टेनिस की निखरती दुनियां


टेनिस खेल को भारत लाने का श्रेय ब्रिटिश सेना को जाता है। 1870 से लगातार हो रहे प्रयासों के बाद 1880 में भारतीय जमीन पर टेनिस के खेल का पदार्पण हुआ। पंजाब लॉन टेनिस प्रतियोगिता,लाहौर-1885, बंगाल लॉन टेनिस प्रतियोगिता, कलकत्ता-1887, आल इंडिया टेनिस प्रतियोगिता, इलाहाबाद-1910 के आयोजन ने भारत में टेनिस को बढ़ावा देने में मदद की।द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत में दो राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं- नेशनल चैम्पियनशिप आफ इंडिया ग्रास कोर्ट और आल इंडिया हार्ड कोर्ट चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया।
रामानाथन कृष्णन, जयदीप मुखर्जी, प्रेमजीत लाल, लिएंडर पेस, महेश भूपति, जैसे जुझारू खिलाडियों के शानदार प्रदर्शन से टेनिस जगत में भारत ने अपनी साख बनायी। आज उसी साख पर टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा, रोहन बोपन्ना, सोमदेव देव वर्मन और प्रकाश अमृतराज जैसे युवा प्रतिभायें टेनिस में अपना कैरियर बना रहे हैं।
टेनिस का प्रारंभिक दौर
प्राचीन काल में टेनिस की शुरूआत यूरोपीय भिक्षुओं द्वारा धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान मनोरंजन के लिहाज से की गई थी । उस समय इस खेल में गेंद को हाथ से मारा जाता था। बदलते समय के साथ-साथ लोगों ने चमडे के दस्तानों को प्रयोग में लाना प्रारम्भ किया, फिर गेंद को जोरदार तरीकों से मारने के लिए हैंडल के रूप में धातुओं का प्रयोग किया जाने लगा। जिसे रैकेट का नाम दिया गया। चौदहवीं शताब्दी तक यह खेल काफी प्रचलित हो चुका था।
फ्रांस के मेजर वाल्टर विंगफिल्ड ने 1874 में इस खेल के नियमों को सरकारी दस्तावेजों के साथ पेटेंट कराया, जो आज के आधुनिक समय में भी काफी प्रयोग में आता है। इसी दौरान अमरिका में पहले टेनिस कोर्ट का निर्माण हुआ। धीरे-धीरे रूस, कनाडा, चीन तथा भारत में भी लोगों तक टेनिस की पहुंच हुई।

टेनिस स्कोरिंग के नियम
टेनिस स्कोरिंग का इतिहास दो सिद्धांतों के इर्द-गिर्द ही घुमता रहता है-

1.एक निश्चित अंतराल के बाद आने वाले नंबर प्रणाली को ही मानना। 60 की संख्या को सम्पूर्ण (100) मानकर विजेता की घोषणा की जाती थी।
2.घडी की सुइयों के हिसाब से नंबर या प्वाइंट को मान्य किया जाना। जैसे घडी की सुई हर 15 मिनट के बाद चौथाई,आधा, पौना तथा सम्पूर्णता का आभास कराती है, उसी प्रकार मैच के स्कोर को भी उन्ही के आधार पर 15, 30, 45 व 60 अंक मान कर स्कोर प्रक्रिया चलायी जाती है।
टेनिस ग्रैंड स्लैम
वर्तमान समय ने टेनिस ग्रेंड स्लैम के चार टूर्नामेंट होते हैं-
1.आस्ट्रेलियन ओपन
2.फ्रैन्च ओपन
3.विम्बल्डन
4.यू एस ओपन

आस्ट्रेलियन ओपन
आस्ट्रेलियन ओपन साल का पहला ग्रैंड स्लैम है। यह प्रतियोगिता जनवरी में मेलबर्न पार्क पर खेला जाता है। इस प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार 1905 में हुआ था 1905से लेकर 1987 तक यह प्रतियोगिता घास युक्त कोर्ट पर खेला जाता था। 1988 के बाद यह प्रतियोगिता मेलबर्न के हार्ड कोर्ट पर खेला जाने लगा। इस प्रतियोगिता को दो प्रमुख कोर्ट राड लेवल एरीना व हिसेंस एरीना पर खेला जाता है। जहां अस्थायी छतों की व्यवस्था है जो वर्षा और अत्यधिक गर्मी पड़ने पर बंद किया जा सकता है। आस्ट्रेलियन ओपन और विम्बल्डन दो ऐसे ग्रैंड स्लैम हैं, जो इंडोर खेले जाते हैं।
फ्रेंच ओपन
फ्रेंच ओपन का पहला मैच 1891 को स्टेट डे फ्रांस में खेला गया था। इसमें केवल पुरुषों के बीच मुकाबला था। फ्रेंच ओपन टेनिस विश्व कैलेन्डर का दूसरा ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता है। यह प्रतियोगिता भी घास के बने कोर्ट पर खेला जाता है।
विम्बल्डन टेनिस
पहवी बार विम्बल्डन टेनिस प्रतियोगिता का आयोजन सन् 1877 में लन्दन के क्रोकट क्लब में किया गया। यह घास कोर्ट पर खेला जाता है। सामान्यत: विम्बल्डन का रंग हल्का बैंगनी और हरा होता है जिसे खिलाडी अपने पूर्णत: सफेद ड्रेस पहनकर खेलते हैं। पुरुष एकल विजेता को सिल्वर गिल्ट कप तथा महिला एकल विजेता को चमकदार सिल्वर साल्वर दिया जाता है।
सबसे ज्यादा (9 बार) महिला विम्बल्डन एकल चैम्पियनशिप का खिताब मार्टिना नवरातिलोवा के पास है, वहीं सबसे ज्यादा पुरुष एकल खिताब (7 बार) पर पीट सम्प्रास तथा विलियम के पास है।
यूएस ओपन-
सबसे पहले यूएस ओपन का आयोजन सन् 1881 में किया गया था। यह पुरुषों के एकल वर्ग की प्रतियोगिता थी, जिसे "यूएस नेशनल सिंगल्स चैम्पियनशिप फार मैन" का नाम दिया गया। महिलाओं की प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार 1887 में अमरिका के फिलाडेल्फिया में खेला गया, वहीं पुरुषों का पहला युगल मुकाबला 1990 में तथा महिलाओं का युगल मुकाबला 1889 में खेला गया।इस प्रतियोगिता की सबसे बडी खासियत यह है कि यह सिमेंटेड पिच से तैयार कोर्ट पर खेला जाता है।

No comments:

Post a Comment