Tuesday, March 31, 2015

विश्वकप 2015 कई खिलाड़ियों के संन्यास के लिए भी किया जायेगा याद


विश्व कप 2015 का सफल समापन हो गया। ऑस्‍ट्रेलियाई टीम एक बार फिर से अपनी बादशाहत कायम रखने में कामयाब रही। ऑस्‍ट्रेलिया ने 29 मार्च को मेलबर्न के एतिहासिक मैदान में खेले गये खिताबी भिड़ंत में न्‍यूजीलैंड की टीम को रौंदकर ट्रॉफी पर कब्‍जा जमाया।
न्‍यूजीलैंड की टीम पहली बार विश्व कप के फाइनल मुकाबला में पहुंची थी। सात बार सेमीफाइनल का मुकाबला खेल चुकी न्‍यूजीलैंड की टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार फाइनल में जगह बनायी, लेकिन फाइनल में ऑस्‍ट्रेलिया की टीम ने जिस तरह से सभी विभागों में पटकनी दी ऐसा कतई नहीं लगा की न्‍यूजीलैंड की टीम अपने पूल में सबसे बेहतरीन टीम बन कर फाइनल में जगह बनायी। बहरहाल ऑस्‍ट्रेलिया एक बार फिर से आईसीसी विश्व कप में अपनी बादशाहत कायम कर ली है।

इस विश्व कप में सभी 14 टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया। टीम इंडिया को विश्व कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन कंगारूओं से आखिरकार पार नहीं पा सका और सेमीफाइनल में ही हार कर स्‍वदेश वापस हो गयी। विश्व कप 2015 को कई मायनों में याद किया जाएगा। इस विश्व कप को कई महान खिलाडियों के विदाई के रूप में याद किया जाएगा।

कुछ खिलाडियों ने पहले से ही वनडे से संन्‍यास की घोषणा कर दी थी, कई खिलाडियों ने अपनी टीम के खराब प्रदर्शन और विश्व कप से बाहर होने के कारण संन्‍यास ले लिया। वनडे से संन्‍यास लेने वाले महान खिलाडियों में ऑस्‍ट्रेलिया के कप्‍तान माइकल क्‍लार्क, श्रीलंका के कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने, पाकिस्‍तान टीम से बूम-बूम शाहीद अफरीदी, यूनिस खान और कप्‍तान मिसबाह उल हक।

आइये एक-एक कर इन खिलाडियों के कैरियर पर नजर डालें

* माइकल क्‍लार्क - माइकल क्‍लार्क ऑस्‍ट्रेलिया के बेहतरीन कप्‍तानों के रूप में जानें जाएंगे। क्‍लार्क ने मौजूदा विश्व कप में अपनी टीम को विश्व विजेता बनाया है। क्लार्क इसके साथ ही एलेन बार्डर (1987), स्टीव वा (1999) और रिकी पोंटिंग (2003 और 2007) के साथ ऑस्ट्रेलिया के लिये विश्व कप जीतने वाले चौथे कप्तान हो गए। 34वां जन्मदिन मनाने जा रहे क्लार्क ने 245 वनडे में 7981 रन बनाये जिसमें आठ शतक और 58 अर्धशतक शामिल हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलते रहेंगे।





* कुमार संगकारा - मौजूदा विश्व कप में श्रीलंकाई टीम भले ही क्‍वार्टर फाइनल में ही बाहर हो गयी, लेकिन श्रीलंकाई टीम के पूर्व कप्‍तान और महान खिलाड़ी कुमार संगकारा के लिए विश्व कप 2015 बहुत खास रहा है। संगकारा ने इस विश्व कप में कई रिकार्ड अपने नाम किये। संगकारा विश्व के एक मात्र खिलाड़ी बन गये हैं जिन्‍होंने विश्व कप में लगातार चार शतक जमाया।
संगकारा किसी एक विश्व कप में चार शतक लगाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज भी बन गये हैं। उन्होंने मार्क वॉ ( 1996 ), सौरव गांगुली ( 2003 ) और मैथ्यू हेडन ( 2007 ) के रिकार्ड को तोड़ा जिन्होंने इससे पहले एक टूर्नामेंट में तीन - तीन शतक लगाये थे। यही नहीं यह पहला अवसर है जबकि किसी एकदिवसीय श्रृंखला या टूर्नामेंट में कोई बल्लेबाज चार शतक लगाने में सफल रहा। इससे पहले 17 अवसरों पर किसी एक टूर्नामेंट में या श्रृंखला में एक बल्लेबाज ने तीन - तीन शतक लगाये थे। अपनी इस पारी के दौरान संगकारा ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर 2000 वनडे रन भी पूरे किये। वह डेसमंड हेन्स ( 3067 ) और विव रिचर्ड्स ( 2769 ) के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे गैर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज हैं। संगकारा ने आस्ट्रेलियाई धरती पर अब तक 2038 रन बना लिये हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अपना पांचवां शतक लगाया जो कि श्रीलंका की तरफ से नया रिकार्ड है।

* महेला जयवर्धने - श्रीलंका के दायें हाथ के बल्‍लेबाज महेला जयवर्धने ने अपनी टीम के लिए कई रिकार्ड पारियां खेली हैं। जयवर्धने ने श्रीलंका की ओर से 448 वनडे मैच खेले और 12,650 रन बनाये। 33।37 के औसत से रन बनाने वाले जयवर्धने ने वनडे कैरियर में 19 शतक और 77 अर्धशतक जमाये। उन्‍होंने मौजूदा विश्व कप में श्रीलंकाई टीम के बाहर होने के साथ ही वनडे से संन्‍यास ले लिया। हालांकि जयवर्धने विश्व कप से पहले ही संन्‍यास की घोषणा कर दी थी।






* शाहीद अफरीदी - पाकिस्‍तान टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी शाहीद अफरीदी ने भी विश्व कप में टीम के बाहर होने के साथ ही वनडे से संन्‍यास की घोषणा कर दी। अफरीदी ने कई रिकार्ड अपने नाम किये। कई सालों तक उनके नाम सबसे कम बॉल पर शतक बनाने का रिकार्ड था। अफरीदी ने 37 गेंदों में शतक बनाया था। अफरीदी का रिकार्ड न्‍यूजीलैंड के बल्‍लेबाज कोरी एंडरसन ने 36 गेंदों में शतक जामाकर तोड़ा था। हालांकि एंडरसन का यह रिकार्ड भी ज्‍यादे दिनों तक नहीं रह सका। एंडरसन के रिकार्ड को दक्षिण अफ्रीका के कप्‍तान एबी डिविलियर्स ने मात्र 31 गेंदों में शतक जमाकर तोड़ा।
अफरीदी ने 395 वनडे मैच खेल और 8,019 रन बनाये। जिसमें उनके 6 शतक और 39 अर्धशतक शामिल हैं। अफरीदी ने न केवल अपने बल्‍ले से कमाल दिखाया बल्कि अपनी फिरकी गेंद से भी कई महान बल्‍लेबाजों को नचाया भी। अफरीदी ने 395 वनडे में 395 विकेट झटके।


* यूनिस खान - पाकिस्‍तानी टीम के मध्‍यमक्रम के रीढ़ माने जाने वाले यूनिस खान ने भी मौजूदा विश्व कप में टीम के बाहर होने के साथ ही वनडे क्रिकेट को सदा के लिए अलविदा कह दिया। यूनिस ने पाकिस्‍तान की और 258 वनडे मैच खेले। जिसमें उन्‍होंने 7,165 रन, 7 शतक और 48 अर्धशतक जमाये। यूनिस ने कैरिसर में तीन विकेट भी झटके।






* डेनियल विटोरी -विश्व कप फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार के बाद न्यूज़ीलैंड की टीम अपने देश पहुंची।तब डेनियल विटोरी ने एलान किया कि विश्व कप का फ़ाइनल उनका आख़िरी अंतरराष्ट्रीय मैच था।

* विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन-विटोरी ने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन गेंदबाज़ी कर न्यूज़ीलैंड को फ़ाइनल तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया।उन्होंने नौ मैचों में 20।46 के औसत से कुल 15 विकेट लिए।विटोरी ने 18 साल की उम्र में साल 1997 में अपना करियर शुरू किया।
विटोरी, न्यूज़ीलैंड के सबसे ज़्यादा टेस्ट और वनडे खेलने वाले खिलाड़ी हैं।उन्होंने कुल 113 टेस्ट मैचों में 34।15 के औसत से 362 विकेट लिए हैं। न्यूज़ीलैंड की ओर से उनसे ज़्यादा टेस्ट विकेट सिर्फ़ सर रिचर्ड हैडली के नाम (431 विकेट) हैं।

टेस्ट मैचों में वो चार हज़ार रन और तीन सौ विकेट लेने वाले सिर्फ़ तीसरे खिलाड़ी हैं। उनसे पहले ये कारनामा सिर्फ़ कपिल देव और इयान बॉथम के नाम पर है। विटोरी ने 295 वनडे मैचों में 31।71 के औसत से 305 विकेट लिए हैं। वो वनडे में न्यूज़ीलैंड के सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं।

वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गये बीरेंद्र लाकड़ा और वंदना कटारिया

हॉकी इंडिया (एचआई) ने आज वार्षिक पुरस्कारों के विभिन्न श्रेणियों के अन्तर्गत खिलाड़ियों के सम्मानित किया। एचआई ने अपने पहले वार्षिक पुरस्कारों के तहत कुल 2 करोड़ 81 लाख 50 हजार रुपये खर्च किये। समारोह के दौरान 148 खिलाड़ियों को पुरस्कार दिये गये। अनुभवी मिडफील्डर बीरेंद्र लाकड़ा और फारवर्ड वंदना कटारिया को आज यहां पहले सालाना हॉकी इंडिया पुरस्कारों में क्रमश: सर्वश्रेष्ठ पुरूष और महिला खिलाड़ी चुना गया।  यहां रंगारंग कार्यक्रम के बीच हुए पहले हॉकी इंडिया पुरस्कारों में कुल दो करोड़ 81 लाख 50 हजार रुपये के पुरस्कार पिछले साल सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ और हॉकी को विशिष्ट योगदान देने वालों को प्रदान किये गए। वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के ध्रुव बत्रा पुरस्कार के तौर पर वंदना और बीरेंद्र को 25-25 लाख रूपये प्रदान किये गए।
वर्ष के सर्वश्रेष्ठ उदीयमान अंडर 21 खिलाड़ी का जुगराज सिंह पुरस्कार हरमनप्रीत सिंह और महिला खिलाड़ी के लिये असुंथा लाकड़ा पुरस्कार नमिता टोप्पो को दिया गया। वहीं वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का बलजीत सिंह पुरस्कार भारतीय टीम के गोलकीपर पी आर श्रीजेश को मिला।
वर्ष 2014 के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर का पुरस्कार महिला टीम की डिफेंडर दीपिका को मिला। वहीं सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर का अजितपाल सिंह पुरस्कार भारतीय पुरूष टीम के मनप्रीत सिंह को और सर्वश्रेष्ठ फारवर्ड का धनराज पिल्लै पुरस्कार आकाशदीप सिंह को मिला। इन सभी को पुरस्कार के तौर पर पांच-पांच लाख रूपये दिये गए। बेहतरीन उपलब्धि के लिये हॉकी इंडिया अध्यक्ष का विशेष पुरस्कार स्टिक टू हॉकी डॉटकाम के आर अरूमुघम को दिया गया। वहीं सर्वश्रेष्ठ कोच और सहयोगी स्टाफ के लिये जमन लाल शर्मा पुरस्कार जूनियर टीम के कोच हरेंद्र सिंह को मिला।

इस मौके पर पिछले साल अर्जुन पुरस्कार के लिये हॉकी इंडिया ने जिन सात खिलाड़ियों के नाम की अनुशंसा की थी, उन्हें भी दो-दो लाख रूपये नकद पुरस्कार और ट्राफी दी गई। इनमें फारवर्ड तुषार खांडकर, शिवेंद्र सिंह, धरमवीर सिंह गोलकीपर भरत छेत्री, डिफेंडर वी आर रघुनाथ और महिला खिलाड़ी रितु रानी और जायदीप कौर शामिल है। इनमें से किसी को अर्जुन पुरस्कार नहीं मिला था।
200 अंतरराष्ट्रीय मैच पूरे करने वाले भारतीय टीम के कप्तान सरदार सिंह, महिला कप्तान रितु रानी और सौ अंतरराष्ट्रीय मैच पूरे करने वाले पी आर श्रीजेश, वंदना कटारिया, मनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, सौंदर्या येंडाला, सविता के अलावा अंपायर जावेद शेख को भी विशेष पुरस्कार दिये गए।
व्यक्तिगत पुरस्कारों में पहले मैच में गोल करने वाली गुरजीत कौर, वर्ष के सर्वश्रेष्ठ एएचएफ खिलाड़ी चुने गए मनप्रीत सिंह, चैम्पियंस ट्राफी में सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर रहे पी आर श्रीजेश, सबसे उर्जावान खिलाड़ी रहे एस वी सुनील, नाल्को फैंस च्वाइस पुरस्कार जीतने वाले सरदार सिंह और सर्वश्रेष्ठ जूनियर खिलाड़ी रहे आकाशदीप सिंह को भी एक एक लाख रूपये दिये गए।

इनके अलावा राष्ट्रमंडल खेल 2014 में रजत पदक जीतने वाली पुरूष टीम के हर सदस्य को एक एक लाख रूपये और सहयोगी स्टाफ को 50-50 हजार रूपये दिये गए। इतनी ही राशि एफआईएच विश्व लीग का दूसरा चरण जीतने वाली भारतीय महिला टीम और सहयोगी स्टाफ को दी गई।

चौथा सुल्तान जोहोर कप जीतने वाली जूनियर पुरूष टीम को एक एक लाख रूपये और सहयोगी स्टाफ को 50-50 हजार रूपये मिले। एशियाई खेल 2014 में स्वर्ण पदक जीतकर रियो ओलंपिक 2016 के लिये सीधे क्वालीफाई करने वाली पुरूष टीम के प्रत्येक सदस्य को ढाई-ढाई लाख रूपये और ट्राफी और सहयोगी स्टाफ को एक एक लाख रूपये दिये गए। उन्हें यह पुरस्कार खेलमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने प्रदान किया। एशियाई खेल कांस्य पदक विजेता महिला टीम के प्रत्येक सदस्य को एक-एक लाख रूपये और सहयोगी स्टाफ को 50-50 हजार रूपये मिले।































सरदार बलबीर सिंह सीनियर को मेजर ध्यानचंद एचिवमेंट पुरस्कार


हॉकी के महान खिलाड़ी सरदार बलबीर सिंह सीनियर को हॉकी इंडिया द्वारा आयोजित वार्षिक पुरस्कार समारोह 2014 में मेजर ध्यानचंद एचिवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार स्वरुप उन्हें 30 लाख रुपये व स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र दिया गया।
90 वर्षीय सरदार बलबीर सिंह सीनियर का जन्म , 10 अक्टूबर 1924हरिपुर, पंजाब में हुआ था। बलबीर सिंह भारत के ऐसे हॉकी खिलाड़ी हैं जिन्होने ओलम्पिक में रिकॉर्ड बनाया है ।


बलवीर सिंह भारत की उन तीन ओलम्पिक टीमों में शामिल थे जिसने स्वर्ण पदक जीता (लन्दन-1948, हेलसिंकी-1952 और मेलबोर्न-ओलम्पिक 1956 । उन्होने 1952 के ओलम्पिक में नीदरलैण्ड के विरुद्ध पांच गोल किये थे जो अभी तक रिकॉर्ड है । उन्हें प्रायः 'बलबीर सिंह सीनियर' कहा जाता है, ताकि हॉकी के दूसरे खिलाड़ी से भ्रम न हो ।

Wednesday, March 25, 2015

विश्व कप 2015  में भारतीय टीम का सफर

मेलबर्न: भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी विश्वकप-2015 शुरू होने से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जिस खराब दौर से गुजर रही थी, उसे देखते हुए यह संभावना बिल्कुल नहीं जताई जा रही थी कि यह टीम इस बार अपना विश्व खिताब बचा सकेगी।
हालांकि विश्वकप शुरू होने के बाद से भारतीय टीम अलग ही रंग में नजर आ रही है। आईसीसी विश्वकप-2015 में भारत ने ग्रुप चरण के सारे मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया है, जहां उसने बांग्लादेश को 192 रनों से हराया। अब भारतीय टीम का सामना सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से होगा।  
आइए नजर डालते हैं इस विश्व कप में भारतीय टीम के अब तक के सफर पर :

भारतीय टीम ने अभियान का आगाज चिर प्रतिद्वंद्वी टीम पाकिस्तान के खिलाफ किया। इस हाई प्रोफाइल मैच में हर बार की तरह भारतीय टीम एक बार फिर अव्वल साबित हुई और विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ कभी न हारने के रिकॉर्ड को बरकरार रखा।

 भारत ने यह मैच 76 रनों से जीता। विराट कोहली (107) और सुरेश रैना (74) की शानदार पारियों की बदौलत भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट के नुकसान पर 300 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान 224 पर सिमट गया। मोहम्मद समी ने चार विकेट हासिल किए।

भारत ने दूसरी जीत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मेलबर्न में दर्ज की। भारत ने यहां एक बार फिर पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट के नुकसान पर 307 रन बनाए। इस बार शिखर धवन का बल्ला चला और उन्होंने 137 रनों की पारी खेली। जवाब में दक्षिण अफ्रीकी टीम 177 पर सिमट गई। विश्वकप इतिहास में दक्षिण अफ्रीका पर भारत की यह पहली जीत रही।

भारत ने अपनी तीसरी जीत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पर पर्थ में दर्ज की। भारत के लिए यह एक आसान मैच रहा। भारतीय गेंदबाजों में बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्वकप में किसी एक मैच में सर्वाधिक कम रन पर विपक्षी टीम को समेट दिया। यूएई सिर्फ 102 रन बना सका। इस आसान लक्ष्य को हासिल करने में भारत को खास मुश्किल नहीं हुई और टीम ने 18.5 ओवर में एक विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस मैच में रविचंद्रन अश्विन ने चार विकेट हासिल किए।

तीन शानदार जीत के बाद भारत को टूर्नामेंट में पहली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा। विश्व चैम्पियन भारतीय टीम हालांकि यहां भी चार विकेट से जीत हासिल करने में सफल रहा। वाका स्टेडियम में कैरेबियाई टीम पहले बल्लबाजी करते हुए 182 पर सिमट गई।

भारत को हालांकि इस औसत लक्ष्य को हासिल करने में अपने छह विकेट गंवाने पड़े। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी यहां टूर्नामेंट में पहली बार बल्ले से जौहर दिखाते नजर आए और 45 रनों की नाबाद पारी खेल कर टीम को जीत दिलाई।

शुरुआती चार मैच ऑस्ट्रेलिया में खेलने के बाद पांचवें मैच के लिए भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड का रुख किया और हेमिल्टन में आयरलैंड के खिलाफ अपनी पांचवीं जीत हासिल की। आयरलैंड द्वारा रखे गए 260 रनों के लक्ष्य को भारत ने 37वें ओवर में दो विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। धवन (100) ने यहां एक बार फिर शतकीय पारी खेली जबकि समी ने तीन सफलताएं हासिल कीं।

न्यूजीलैंड में ही ऑकलैंड के ईडन पार्क में भारत ने अपने आखिरी ग्रुप मैच में जिम्बाब्वे को छह विकेट से हराया। भारतीय टीम हालांकि 288 के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय 100 रनों के अंदर ही चार विकेट गंवा चुकी थी और मुश्किल में नजर आ रही थी, लेकिन रैना (110 नाबाद) और धोनी (85 नाबाद) ने पांचवें विकेट के लिए 196 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई।
विश्वकप सेमीफाइनल में भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया की कठिन चुनौती


विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में भारतीय टीम के सामने ऑस्ट्रेलिया के रूप में अब तक की सबसे कठिन चुनौती होगी और उसे हर विभाग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। छह सप्ताह पहले ही दोनों टीमें टेस्ट और त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला में एक दूसरे से खेल चुकी है जिसमें माइकल क्लार्क की टीम का पलड़ा भारी रहा था।
क्रिकेट के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज प्रतिद्वंद्विता और भारत-पाकिस्तान मुकाबलों के अलावा पिछले कुछ साल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच भी कम प्रतिस्पर्धी नहीं हुए हैं। यह मुकाबला डेविड वार्नर की बल्लेबाजी और मोहम्मद शमी की गेंदबाजी का भी होगा, मिशेल स्टार्क की कहर बरपाती गेंदों और रनों के रूप में शरारे उगलते विराट कोहली के बल्ले का भी होगा, आर अश्विन की कैरम बॉल और ग्लेन मैक्सवेल की आक्रामक बल्लेबाजी का भी होगा। सभी की नजरें कोहली पर होंगी जो पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ शतक बनाने के बाद से एक अर्धशतक भी नहीं बना सके है। कोहली हालांकि दबाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में माहिर हैं और उनके पास यह सबसे बड़ा मौका है। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर दोनों टीमें कल एक दूसरे के आमने सामने होंगी तो यह मुकाबला कमोबेश बराबरी का होगा जिसमें पिछले प्रदर्शन मायने नहीं रखेंगे।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के उस शर्मनाक प्रदर्शन का गम भारत ने विश्व कप में शानदार खेल दिखाकर दूर कर दिया। विश्व कप से पहले दिशाहीन लग रही टीम इंडिया का अचानक मानो कायाकल्प हो गया और उसके प्रदर्शन ने विरोधियों को भी चकित कर डाला। आम तौर पर भारत की कमजोर कड़ी मानी जाने वाली गेंदबाजी उसकी ताकत साबित हुई है। मोहम्मद शमी (17 विकेट), उमेश यादव (14) और मोहित शर्मा (11) मिलकर 70 में से 42 विकेट ले चुके हैं। भारतीय गेंदबाजों ने सात मैचों में पूरे 70 विकेट चटकाये हैं।
ऑस्ट्रेलिया के लिये सबसे बड़ी चुनौती सिडनी की पिच होगी, जो उसे रास नहीं आती। इस धीमी पिच पर दक्षिण अफ्रीका ने क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका को हराया था, जिसमें इमरान ताहिर ने चार और जेपी डुमिनी ने तीन विकेट लिये थे। ऐसे में भारत के अश्विन और रविंद्र जडेजा उन पर भारी पड़ सकते हैं। अश्विन 12 विकेट ले चुके हैं और अपनी गेंदों से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिये परेशानी का सबब बन सकते हैं। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया को टीम में एक अच्छे स्पिनर की कमी खलेगी। उसके पास धीमे गेंदबाज के रूप में सिर्फ स्टीवन स्मिथ हैं।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं :
भारत :
महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, सुरेश रैना, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, मोहित शर्मा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, अक्षर पटेल, अंबाती रायुडू, स्टुअर्ट बिन्नी।
ऑस्ट्रेलिया :
माइकल क्लार्क (कप्तान), जार्ज बेली, डेविड वार्नर, आरोन फिंच, शेन वाटसन, स्टीवन स्मिथ, ब्राड हाडिन, ग्लेन मैक्सवेल, मिशेल मार्श, जेम्स फाकनेर, मिशेल जानसन, मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस, जेवियर डोहर्टी।
खेलों के लिहाज से वर्ष 2014 रिकॉर्ड और कारनामों के नाम रहा

खेलों के लिहाज से वर्ष 2014 रिकॉर्ड और कारनामों के नाम रहा। जर्मनी फुटबॉल वर्ल्ड चैंपियन बना। राष्ट्रमंडल खेलों में एक बार फिर से इंग्लैंड का दबदबा रहा। एशियाई खेलों में चीन ने फिर से बाजी मारी।
एशियन खेल
दक्षिण कोरियाई शहर इंचॉन में 17वें एशियन खेलों का आयोजन हुआ। भारत इन खेलों में शीर्ष 10 में जगह बनाने में सफल रहा जबकि चीन ने अपनी बादशाहत जारी रखते हुए लगातार नौंवीं बार पहला नंबर बनाए रखा। इस बार 45 देशों ने 36 इवेंट्स में भाग लिया था। इसके बाद अगले एशियन खेल के मेजबान इंडोनेशिया को मशाल सौंपी गई। भारत ने इस स्पर्धा में 57 मेडल जीते। जिसमें 11 स्वर्ण, 9 रजत और 37 कांस्य पदक शामिल हैं।
फुटबॉल
मारियो गोट्जे के अतिरिक्त समय में किए गए गोल से जर्मनी फाइनल में अर्जेंटीना को 1-0 से हराकर फुटबॉल का विश्वचैंपियन बन गया। क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन और कबड्डी में लीग फॉर्मेट की सफलता के बाद फुटबॉल की दुनिया में भी ऐसा ही ऐतिहासिक कदम उठाया गया। करीब 700 करोड़ रुपये के करार के बाद इंडियन सुपर लीग की योजना बनी। इस लीग में आठ टीमों ने हिस्सा लिया। इस लीग की चैम्पियन सौरव गांगुली के स्वामित्व वाली कोलकाता बनी। फाइनल में कोलकाता ने सचिन तेंदुलकर के स्वामित्व वाली केरला ब्लस्टर को हराया।  इसकी कुल इनामी राशि 35 करोड़ रुपये थी।
रियाल मैड्रिड की टीम यूरोप की क्लब फुटबॉल चैंपियन बन गई। यूएएफा चैंपियंस लीग के खिताबी मुकाबले में रियाल मैड्रिड की टीम ने एटलेटिको मैड्रिड को 4-1 से हरा दिया। इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर सिटी ने वर्ष 2013-14 का इंग्लिश प्रीमियर लीग खिताब जीता। वहीं लिवरपूल खिताब के बेहद करीब आकर भी चैंपियन बनने से वंचित रह गया। एतिहाद स्टेडियम में टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में वेस्ट हैम पर 2-0 की आसान जीत के साथ ही मैनचेस्टर सिटी ने 2012 के बाद दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा कर लिया। उरुग्वे के स्टार फुटबॉलर लुइस सुआरेज ने इटली के खिलाफ मैच के दौरान अपने विपक्षी खिलाड़ी जॉर्जियो चिलिनी के कंधे पर दांतों से काट लिया। इसके बाद फीफा ने उनपर 9 मैच और 4 महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया। सुआरेज पर लगा बैन फुटबॉल के हर प्रारूप पर लागू रहा।
राष्ट्रमंडल खेल
20वें राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में हुआ। 23 जुलाई से शुरू होकर 11 दिन तक चले खेल इस महाकुंभ में 71 देशों के 4929 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इन खेलों में भारत ने 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य पदक  मिलाकर 64 पदक हासिल किए. पदक तालिका में भारत पांचवें स्थान पर रहा।
टेनिस
शीर्ष वरीयता प्राप्त नोवाक जोकोविच ने अपनी तीखी सर्विस और करारे शॉट की बदौलत रोजर फेडरर का आठवां खिताब जीतने का सपना तोड़कर विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट का पुरुष एकल का खिताब जीता। जोकोविच ने पहला सेट गंवाने के बाद शानदार वापसी की। करीब चार घंटे तक चले मैराथन मुकाबले में जोकोविच ने 6-7, 6-4, 7-6, 5-7, 6-4 से जीत दर्ज की। चेकोस्लोवाकिया की पेट्रा क्विटोवा ने 5 जुलाई 2014 को विंबलडन टेनिस ओपन 2014 का महिला एकल का खिताब जीता। पेट्रा ने कनाडा की जिनी बोकार्ड को 6-3, 6-0 से हराकर अपना दूसरा विंबलडन खिताब जीता। क्विटोवा ने वर्ष 2011 में मारिया शारापोवा को हरा कर अपना पहला विंबलडन खिताब जीता था। स्विट्जरलैंड के स्टानिस्लास वावरिंका ने मेलबर्न में स्पेन के राफेल नडाल को 6-3, 6-2, 3-6, 6-3 से हरा कर ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2014 का पुरुष एकल खिताब जीता। आठवीं वरीयता प्राप्त स्टानिस्लास वावरिंका के कैरियर का यह पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है।
चीन की ली ना ने वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन का महिला एकल खिताब जीता। दो बार की उपविजेता ली ना ने फाइनल मुकाबले में 20वीं वरीय स्लोवाकिया की डोमीनिका सिबुलकोवा को सीधे सेटों में मात देकर करियर के दूसरे ग्रैंड स्लैम खिताब पर कब्जा कर लिया। खिताबी मुकाबले में ली ना ने सिबुलकोवा को 7-6(7-3), 6-0 से हराया।
क्रोएशिया के मारिन सिलिच ने जापान के केई निशिकोरी को हराकर साल के अंतिम ग्रैंड स्लैम अमेरिकी ओपन का पुरुष एकल खिताब जीत लिया। दिग्गजों को चौंकाकर फाइनल में जगह बनाने वाले टूर्नामेंट के 14वें वरीय खिलाड़ी सिलिच ने 10वें वरीय निशिकोरी को सीधे सेटों में 6-3, 6-3, 6-3 से हराया।
सेरेना विलियम्स ने इस साल का यूएस ओपन टेनिस प्रतियोगिता का महिला सिंगल्स खिताब जीता। न्यूयॉर्क में खेले गए फाइनल मुकाबले में सेरेना ने डेनमार्क की 10वीं वरीयता प्राप्त कैरोलाइन वोजनियाकी को हरा कर लगातार तीसरी बार यूएस ओपन का सिंगल्स खिताब जीता राफेल नडाल ने फ्रेंच ओपन 2014 के फाइनल में नोवाक जोकोविच को हराकर खिताब अपने नाम किया। मेंस सिंगल्स के फाइनल में नडाल ने जोकोविच को 3-6 7-5 6-2 6-4 से हराया। रूसी टेनिस स्टार मारिया शारापोवा ने रोमानिया की सिमोना हालेप को हराकर करियर के दूसरे फ्रेंच ओपन का खिताब अपने नाम किया। इस रूसी बाला ने 6- 4, 6-7 (5-7), 6-4 से जीत दर्ज की।
सानिया मिर्जा-ब्रूनो सोरेस की जोड़ी ने अमेरिकी ओपन के मिक्स्‍ड डबल इवेंट का खिताब जीता। मिर्जा और सोरेस की जोड़ी ने अमेरिका की एबिगेल स्पीयर्स और मैक्सिको के सैंटियागो गोंजालेस को 6 -1, 2 - 6, 11 - 9 से हराया।
बैडमिंटन
भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार उबेर कप का कांस्य पदक जीता। भारत ने इंडोनेशिया को 3-0 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। हालांकि सेमीफाइनल में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। भारतीय युवा बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने सनसनीखेज प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक चैंपियन चीन के लिन दान को हराकर चाइना ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीत लिया। श्रीकांत ने दान को लगातार गेमों में 21-19, 21-17 से शिकस्त दी। भारत की शान बैंडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने एक रोमांचक मुकाबले के बाद चाइना ओपन सुपर सीरीज का फाइनल मुकाबला जीत लिया। सायना ने फाइनल मुकाबले में यामा गुची को 21-12, 22-20 से हराकर चीनी ओपन प्रीमियर खिताब अपने नाम किया। भारत की नंबर वन महिला शटलर सायना नेहवाल ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन सीरीज के खिताब पर कब्जा किया। शानदर प्रदर्शन करते हुए सायना ने स्पेन की कैरोलीना को 21-18, 21- 11 से मात दी।
शतरंज
विश्व शतरंज चैंपियनशिप की 11वीं बाजी में भारतीय चैंपियन विश्वनाथन आनंद को हराने के बाद नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन चैंपियन का खिताब बचाने में कामयाब रहे। 11वीं बाजी में आनंद की हार के साथ मैग्नस कार्लसन 4.5 के मुकाबले 6.5 अंकों से जीतकर शतरंज के विश्व चैंपियन बने।
हॉकी
भारतीय हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए हॉकी सीरीज में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 3-1 से हराया। भारतीय हॉकी टीम ने 16 साल बाद एशियन खेलों के हॉकी स्पर्धा में स्वर्ण जीता।  भारतीय हॉकी टीम ने पाकिस्‍तान को हराकर स्वर्ण अपने नाम कर लिया। इसी के साथ भारत ने 2016 में रियो-डी जनेरियो में होने वाले ओलंपिक के लिए भी क्‍वालिफाई कर लिया। भारतीय हॉकी कोच टेरी वाल्श ने हॉकी इंडिया और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ अनुबंध संबंधी बातचीत नाकाम रहने के बाद अपना पद छोड़ दिया।
फॉर्मूला वन
जापानी ग्रां प्री के दौरान हुई दुर्घटना में फॉर्मूला वन ड्राइवर जूलेस बियांची गंभीर रूप से घायल हो गए। सिर में लगी चोट के कारण उनकी हालत बेहद गंभीर हो गई. वे कुछ दिन तक आर्टिफिशियल कोमा में रहे। हालांकि, अब वह इससे बाहर हैं। मर्सिडीज के ब्रिटिश ड्राइवर लुइस हैमिल्टन दूसरी बार फॉर्मूला वन विश्व चैंपियन बने। इससे पहले हैमिल्टन ने 2008 में मैक्लॉरेन टीम के साथ यह उपलब्धि हासिल की थी।
फॉर्मूला वन रेसिंग की दुनिया के शहंशाह रहे माइकल शुमाकर आठ महीने अस्पताल में बिताने के बाद अपने घर लौट आए. शुमाकर स्विट्जरलैंड के मेरीबेल के फ्रेंच स्की रिसोर्ट में स्कीइंग करते हुए दुर्घटना के कारण एक चट्टान से टकरा गए थे। जिसके कारण उनके मस्तिष्क को गहरी चोट पहुंची थी।
ऑस्कर पिस्टोरियस
प्रिटोरिया में पैरालंपिक एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस को गर्लफ्रेंड रीवा स्टीनकैंप की हत्या के मामले में जज ने गैर-इरादतन हत्या का दोषी पाया।
आईलीग
खेलों में लीग का ट्रेंड भारत में शुरू हो चुका है। इस कड़ी में टेनिस भी जुड़ गया। भारतीय टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति के दिमाग की उपज इंडियन प्रीमियर टेनिस लीग का पहला सीजन 2014 में खेला जाएगा. लीग में भारत समेत दुनिया के कुछ नामी-गिरामी खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे।भारत के टेनिस स्टार विजय अमृतराज ने चैंपियंस टेनिस लीग की शुरुआत की। इस लीग का आयोजन मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में हुआ। इस लीग को क्रिकेट के इंडियन प्रीमियर लीग के तर्ज पर बनाया गया है।
कुश्ती

भारतीय कुश्ती के लिये वर्ष 2014 काफी अच्छा रहा और इस साल ओलंपिक के नायक सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने फिर से अच्छा खेल दिखाया जिससे भारत एशियाई खेलों में 28 साल बाद इस स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा। लंदन ओलंपिक 2012 के बाद पहली बार खेलने और फीला के भार वर्ग में तब्दीली के कारण बढ़े वजन वर्गों में भाग लेने वाले सुशील और योगेश्वर ने इस साल जिस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया उसमें खुद को साबित किया। योगेश्वर ने तो इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। यह पिछले 28 वर्षों में कुश्ती में भारत का पहला स्वर्ण पदक था। उनकी निगाहें अब रियो ओलंपिक पर टिकी हैं। योगेश्वर को ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में 60 के बजाय 65 किग्रा भार वर्ग में भाग लेना पड़ा जिसमें उन्होंने सोने का तमगा जीता जबकि दो बार के ओलंपिक चैंपियन सुशील ने 74 किग्रा में सोने का तमगा हासिल किया। उन्होंने फाइनल में पाकिस्तान के कमर अब्बास को चित करके अपनी बादशाहत साबित की थी। इसके बाद सुशील और योगेश्वर ने सितंबर में ताशकंद में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लिया। सुशील बाद में एशियाई खेलों में भी नहीं गये लेकिन योगेश्वर इंचियोन पहुंचे और वहां उन्होंने इतिहास रचा। इस बीच भारत के युवा पहलवानों अमित कुमार, बजरंग, राजीव तोमर और महिला पहलवान बबिता कुमारी और विनेश फोगाट ने उन प्रतियोगिताओं में भारतीय तिरंगा उंचा रखा जहां सुशील और योगेश्वर ने हिस्सा नहीं लिया। इन सबके अच्छे प्रदर्शन से भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण सहित 13 पदक जीते। भारत ने जूनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भी एक स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया। विनेश : 51 किग्रा ने ग्रीको रोमन में स्वर्ण पदक हासिल किया। एशियाई खेलों में भारतीय पहलवानों ने पांच पदक हासिल किये लेकिन फीला विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में उन्हें कोई पदक नहीं मिला। 
लीग प्रारूप को व्यापक तौर पर अपनाने और खेलों की नई अलख जगाने वाला साबित हुआ वर्ष 2014

भारतीय खेल जगत के लिए साल 2014 लीग प्रारूप को व्यापक तौर पर अपनाने और खेलों की नई अलख जगाने वाला साबित हुआ।  फुटबॉल से लेकर टेनिस और फिर कबड्डी तक के लीग टूर्नामेंट इस साल शुरू हुए, जिन्होंने सफलता का नया मानदंड स्थापित किया और देश के खेल प्रशंसकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया।
आईएसएल:
सबसे ज्यादा चर्चा इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ने बटोरी। भारतीय फुटबॉल वैश्विक स्तर पर भले ही काफी पीछ हो लेकिन फीफा सहित दुनिया के दिग्गज फुटबाल सितारे भी भारत को इस खेल का बड़ा बाजार बताने लगे हैं। आईएसएल की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि टूर्नामेंट दर्शकों को फुटबाल स्टेडियम तक लाने में सफल रहा। टूर्नामेंट में कुल 61 मैच खेले गए और आईएसएल के आयोजकों के अनुसार इन मैचों को देखने 10 लाख से ज्यादा दर्शक स्टेडियम तक पहुंचे।
 विश्व कप जीतने वाली इटली की राष्ट्रीय टीम के सदस्य रह चुके दिग्गज खिलाड़ी और आईएसएल में दिल्ली डायनामोज की ओर से खेलने वाले एलेसांद्रो डेल पिएरो ने भी माना कि आईएसएल एक सफल आयोजन रहा। पिएरो ने माना कि पहले संस्करण की शानदार लोकप्रियता देखकर वह खुद भी हैरान हैं।
आईपीटीएल:
 टेनिस की बात करें तो देश में इस खेल से संबंधित दो टेनिस लीग शुरू हुए। महेश भूपति के प्रयास से शुरू हुआ इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग (आईपीटीएल) टेनिस के किसी महोत्सव जैसा साबित हुआ, जिसमें दुनिया के लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
 आईपीटीएल को भारत के खेल इतिहास में इसलिए भी जाना जाएगा, क्योंकि इसने रोजर फेडरर, नोवाक जोकोविक जैसे सर्वोच्च खिलाड़ियों का भारत में पदार्पण करवाया। हालांकि मीडिया में छाया रहा यह टूर्नामेंट मंहगे टिकट के कारण अभी भी आम लोगों से दूर ही रहा।
सीटीएल:
 दूसरी ओर, पूर्व दिग्गज भारतीय खिलाड़ी विजय अमृतराज की पहल पर शुरू हुआ चैम्पियंस टेनिस लीग (सीटीएल) लोकप्रियता के मामले में जरूर पीछे छूट गया।
 प्रो कबड्डी लीग:
कबड्डी के क्षेत्र में लीग प्रारूप के दो बड़े टूर्नामेंट शुरू हुए, प्रो-कबड्डी लीग और विश्व कबड्डी लीग। दोनों टूर्नामेंट को दुनिया भर से 1.8 करोड़ टीवी दर्शक भी मिले।
प्रो कबड्डी लीग में अभिषेक बच्चन, रॉनी स्क्रूवाला और महानायक अमिताभ बच्चन की उपस्थिति ने इस देशी खेल को प्राइम टाइम का लोकप्रिय इवेंट बना दिया और दर्शकों ने जिस तरह इसे प्रतिक्रिया दी वह अभूतपूर्व थी।


एक साल पहले शुरू हुआ बैडमिंटन का लीग टूर्नामेंट 'इंडियन बैडमिंटन लीग' (आईबीएल) व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय खेल कार्यक्रमों के कारण इस साल आयोजित नहीं हो सका, लेकिन लीग आधार पर होने वाली इन प्रतियोगिताओं को जहां खेल प्रेमियों का अपार समर्थन मिला, वहीं देश की युवा खेल प्रतिभाओं को विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने, अपने प्रदर्शन में सुधार और अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए बेहतर मंच भी प्रदान किया है।
भारतीय क्रिकेट के लिए वर्ष 2014 रिकॉर्ड,कारनामों और अदालती मामलों के नाम रहा
भारतीय क्रिकेट के लिए वर्ष 2014 रिकॉर्ड और कारनामों के नाम रहा। एकदिवसीय क्रिकेट में रोहित शर्मा का रिकार्ड दोहरा शतक और विदेशी सरजमीं पर एक बार फिर भारतीय टीम की नाकामी भी खबरों में रही। रोहित ने श्रीलंका के खिलाफ ईडन गार्डन पर नाबाद 264 रन बनाकर एक इतिहास रच दिया।  200 रनों के आंकड़े को सचिन तेंदुलकर ने पहली बार छुआ था, जबकि वीरेंद्र सहवाग और रोहित ने इसे नयी बुलंदियों तक पहुंचाया। हालांकि एकदिवसीय में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टेस्ट में रोहित की फार्म चिंता का कारण बनी रही।

भारत के कई वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिये यह वर्ष अच्छा नहीं रहा। कई खिलाड़ियों को भारत की एकदिवसीय टीम से नजरअंदाज किया गया। सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान और गौतम गंभीर जैसे सीनियर खिलाड़ियों को 2015 विश्व कप के संभावित खिलाड़ियों में जगह नहीं दी गयी।
दूसरी तरफ मैदान के बाहर बीसीसीआई अदालती मामलों में उलझा रहा। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद श्रीनिवासन का निर्वासन जारी रहा। इसके बावजूद हालांकि वह आईसीसी के पहले अध्यक्ष बनने में सफल रहे और भारत को आईसीसी के राजस्व में अब से बड़ा हिस्सा मिलेगा।

श्रीनिवासन गैर मान्यता प्राप्त क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा द्वारा दायर मुकदमों में उलझे रहे। माना जा रहा है कि वर्मा को श्रीनिवासन के विरोधी ललित मोदी से वित्तीय मदद मिल रही है। नये साल में अब यह देखना होगा कि किसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड की कमान मिलती है।
भारत की बात करें तो सहवाग और युवराज जैसे सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करने के बावजूद टेस्ट कप्तान के रूप में महेंद्र सिंह धोनी के खराब प्रदर्शन में कोई सुधार नहीं हुआ और भारत ने दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में सीरीज गंवाई। भारत विश्व टी20 के फाइनल में श्रीलंका से भी हार गया और इसके साथ ही विरोधी टीम के दो दिग्गज खिलाड़ियों महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा के टी20 करियर का अंत हुआ।

इंग्लैंड में श्रृंखला गंवाने का निराशाजनक पहलू यह रहा कि क्रिकेट का मक्का कहलाने वाले लार्ड्स पर जीत के साथ बढ़त बनाने के बावजूद भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस दौरे पर मोइन अली ने अपनी कामचलाऊ ऑफ स्पिन गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशान करते हुए 19 विकेट चटकाए. ऑफ स्पिनरों के खिलाफ भारत की परेशानी ऑस्ट्रेलिया में भी उजागर हुई जब नाथन लियोन ने मौजूदा श्रृंखला के पहले टेस्ट में 12 विकेट चटकाकर मेजबान टीम को 48 रन से जीत दिलायी। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टेस्ट में भी भारतीय टीम को 4 विकेट से हराया और श्रृंखला में 2-0 की बढ़त हासिल की। तीसरे टेस्ट के चौथे दिन तक ऑस्ट्रेलिया की स्थिति बेहद मजबूत दिख रही है।

वर्ष 2014 में बल्लेबाजी में मुरली विजय के प्रदर्शन में सबसे अधिक सुधार हुआ। अंजिक्य रहाणे ने मध्य क्रम में अपनी जगह लगभग पक्की की। चेतेश्वर पुजारा और रोहित की फार्म में उतार चढ़ाव देखने को मिला लेकिन इन दोनों में इन मुश्किलों से उबरने की प्रतिभा है।गेंदबाजी हालांकि भारत की चिंता का सबब रही। ईशांत शर्मा, वरुण आरोन और उमेश यादव लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ऐसे विकेटों पर अपनी अहमियत साबित करने में नाकाम रहे हैं जो स्पिनरों के अनुकूल नहीं हों। युवा स्पिनर अक्षर पटेल ने सीमित मौकों में अपनी प्रतिभा दिखाई लेकिन उनकी असली परीक्षा ऑस्ट्रेलिया में आगामी त्रिकोणीय श्रृंखला में होगी।
भारत का इंग्लैंड दौरा
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में करारी हार का कसर भारत ने एकदिवसीय श्रृंखला में निकाला। पांच मैचों की श्रृंखला को भारत ने 3-1 से जीत लिया। सीरीज का पहला मैच बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था। 2014 में भारत का इंग्लैंड दौरा बेहद ही खराब रहा। पहला टेस्ट मैच ड्रॉ होने और दूसरे टेस्ट में जीत के बाद हर किसी को लगा कि शायद इस बार धोनी के धुरंधर रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब होंगे। पर ऐसा नहीं हुआ, भारत यह सीरीज 3-1 से हारा। दुखद बात यह थी कि सीरीज के आखिरी तीनों मैच में भारत ने ही बेहद शर्मनाक प्रदर्शन किया।
एंडरसन-जडेजा विवाद
10 जुलाई, 2014. पहले टेस्ट का दूसरा दिन। लंच से पहले रवींद्र जडेजा और जेम्स ऐंडरसन के बीच पहले मैदान पर झड़प हुई. फिर उसके बाद लंच के लिए पवेलियन लौटते वक्त एंडरसन ना सिर्फ जडेजा बल्कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी उलझ पड़े थे। उसके बाद क्या हुआ ये टेस्ट खत्म होने के बाद ही पता चला। आईसीसी आचार संहिता के लेवल तीन के तहत टीम इंडिया ने एंडरसन पर जडेजा के साथ बदतमीजी करने और धक्का मारने का आरोप जड़ा। तो, इंग्लैंड टीम ने भी जडेजा पर खेल भावना से खिलवाड़ का आरोप लगा डाला। आईसीसी ने गॉर्डन लुइस को ज्यूडिशियल कमिश्नर नियुक्त किया। टीम इंडिया के दावों से उलट मामले की सुनवाई कर रही जांच कमिटी ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को बेगुनाह करार दिया।
आईपीएल
सुरेश रैना के शानदार शतक से चेन्नई सुपर किंग्स ने एकतरफा फाइनल में कोलकाता नाइट राइडर्स को हराकर चैंपियंस लीग टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट जीत लिया। जीत के लिए 181 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए केकेआर ने रैना के 62 गेंद में 109 रन की मदद से नौ गेंद शेष रहते जीत दर्ज की।
बांग्लादेश दौरा
सुरेश रैना की अगुवाई में जून महीने में भारतीय टीम  3 एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेलने बांग्लादेश गई। इस सीरीज पर भारत ने 2-0 से कब्जा जमाया। आखिरी एकदिवसीय बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था।
वेस्टइंडीज का भारत दौरा
अक्टूबर महीने में वेस्टइंडीज टीम भारत के दौरे पर आई थी. पर यह दौरा वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच भुगतान विवाद के कारण सुर्खियों में रहा। वेस्टइंडीज खिलाड़ियों ने विवाद के कारण भारत के बचे दौरे से हटने का फैसला किया। इस विवाद के कारण वनडे सीरीज का पांचवां वनडे, एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच और तीन टेस्ट मैच नहीं हो सके।
श्रीलंका का भारत दौरा
हालांकि इससे पहले वनडे सीरीज में भारत ने 2-1 की बढ़त हासिल कर ली थी। विराट कोहली की कप्तानी ने टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में इतिहास रच दिया। भारत ने पड़ोसी देश को इस श्रृंखला में 5-0 से हराया।
भारतीय टीम मैनेजमेंट में बदलाव
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रंखला में करारी हार के बाद जागते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड(बीसीसीआई) ने वनडे सीरिज के लिए टीम मैनेजमेंट में बदलाव किया। बीसीसीआई ने टीम के गेंदबाजी और फील्डिंग कोच की छुट्टी कर दी गई। बीसीसीआई ने पूर्व ऑलराउंडर संजय बांगर और पूर्व तेज गेंदबाज बी अरुण को असिस्टेंट कोच नियुक्त किया। आर श्रीधर को टीम का नया फील्डिंग कोच बनाया गया। इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज में बुरी तरह हार के बाद रवि शास्त्री को वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम का डायरेक्टर नियुक्त किया गया। भारत ने वनडे सीरीज जीत ली थी। बीसीसीआई ने शास्त्री को अगले साल होने वाले क्रिकेट विश्व कप के लिए भी ये जिम्मेदारी दी है।
बाएं हाथ के अनुभवी स्पिनर मुरली कार्तिक ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने भारत के लिए 1999 से 2007 के बीच आठ टेस्ट मैच में 24 और 37 वनडे मैच खेलते हुए 37 विकेट लिए।
आईसीसी पुरस्कार
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन को आईसीसी वर्ष का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर और आईसीसी वर्ष का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर चुना गया। भारत के भुवनेश्वर कुमार को पीपल्स चॉइस अवॉर्ड मिला। एबी डिविलियर्स को साल का बेस्ट वनडे क्रिकेटर चुना गया। महिलाओं में यह सम्मान इंग्लैंड की सारा टेलर को मिला. इंग्लैंड के गैरी बैलंस इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर बने हैं।