Thursday, May 10, 2012

रण-बांकुरा सचिन


सचिन के बारे में कुछ कहने में जो शब्द इस्तेमाल किये जाते है वो शब्द अब खुद को सम्मानित महसूस करते है। अब सिर्फ यह तय करना है कि सचिन क्रिकेट को ज्यादा चाहतें हैं या क्रिकेट प्रेमी सचिन को। "शतको" का "शतक" जिसकी पहचान बन गयी है। सचिन रमेश तेंदुलकर क्रिकेट जगत का भगवान, अब तक क्रिकेट के महासंग्राम में पांच बार भारतीय क्रिकेट टीम का रण-बांकुरा, महासंग्राम को सपने में जीतने के सपने को पिछले साल खुली आँखों से देखकर पूरा कर चुका क्रिकेट का भगवान्। सचिन का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का सफ़र 23 वर्षों से भी अधिक का रहा है। इन तेईस वर्षों में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा सचिन ने। क्रिकेट में उन्होंने लम्बी दूरियाँ तय की, नई उचाइयां नापीं और कई कीर्तिमान मील के पत्थर के तरह स्थापित किये। इन सब में सबसे महत्वपूर्ण एवं बड़ी बात जो उनकी महानता को एक नई मजबूती प्रदान करती है कि वो कभी भी "विवादों" में नहीं रहे। उनका खेल "कला" कि शैली में आता है और शालीनता "सज्जनता" की कोटी में। सचिन ने ऐसे रिकार्ड स्थापित किये है जिन्हें तोड़ पाना मुश्किल ही नामुमकिन है। बीस साल, "शतको" का "शतक", और साथ में अनगिनत रिकार्ड।
आज सचिन सिर्फ नाम ही नहीं है। प्रतीक, विशेषण, उपमा आदि अनेक ऐसे शब्द सबसे सटीक जिस व्यक्ति पर बैठती है उसका नाम है सचिन तेंदुलकर। मानव स्वभाव की वजह से अधिकतर देखा जाता है कि थोड़ी बहुत सफलता मिलने के बाद लोगों के पाँव ज़मीन पर नहीं टिकते, लेकिन तमाम विश्वस्तरीय उपलब्धियों को हासिल करने के बाद भी उनके आचार-व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। मैं चाहूँगा तब तक सचिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलें जब तक यह खेल खेला जायें। इसका कारण उनका खेल के प्रति लगाव और सम्पूर्ण भावना के प्रति मेरा विश्वास अपने जीवन के 39 वसंत पार कर चुके सचिन को आज भी क्रिकेट खेलने में मज़ा आ रहा है। सचिन लगातार आक्रामक खेल रहे है और उनके इस तरह से खेलने के कारण उनके संन्यास लेने के कयास दिन-प्रतिदिन धूमिल होते जा रहे है।
सचमुच सचिन के जो स्ट्रोक है वे भारतीय क्रिकेटरों को दो पीढ़ियों के बीच पुल का काम करते है । एक वह पीढ़ी जो स्वभाविक इच्छा को दबाकर समय के अनुसार परंपरागत क्रिकेट खेलती थी और दूसरी वह जो इस तरह से बल्लेबाजी करती है की कल कुछ होने वाला है। सचिन के लिए आप कह सकते है कि वे अपने समय के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर है। आप इससे अधिक और नहीं कह सकते, क्योंकि तुलनाएं सिर्फ किताबी होती है और निरर्थक भी।
महान शायर बशीर ने अपनी एक कविता में लिखा है कि " इतना ना चाहों उन्हें कि देवता हो जाए"। लेकिन देखते - देखते लोगों ने सचिन को इतना चाहा की वह देवता तुल्य हो गए। अपने 23 वर्षों के लम्बे करियर के बाद भी सचिन की कलात्मकता में कोई कमी नहीं आई है।सचिन को 'सदाबहार' का दर्जा, 'मास्टर-ब्लास्टर' का दर्जा या ऐसे कई नाम ऐसे ही नहीं मिले, वर्षों की मेहनत और लगन के बाद वह इस मुकाम पर पहुचे है। सचिन आज रनों के एवरेस्ट पर बैठे है। उनके खाते में टेस्ट एवं वनडे मिलाकर लगभग 34000 रन है । लेकिन सिर्फ रनों का अम्बार ही सचिन को महान लोगो की श्रेणी में प्रथम पर नहीं लाता व्यक्तित्व उन्हें महान बनाता है। सचिन में आज भी वैसी ही सादगी ,शालीनता एवं सीखने की ललक दिखाई पड़ती है, जैसी 1989 में टेस्ट खेलते समय दिखाई दी थी।
लेकिन सबसे भयावह स्थिति तब सामने दिखती है जब उनके क्रिकेट को अलविदा कहने का ख्याल भी मन में आता है। लेकिन सचिन के सपने से बाहर आने के बाद महसूस होता है कि एक दिन ऐसा भी आयेगा जब वे क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। क्या तब वे बच्चों, भोजन एवं करों की दुनिया तक ही सीमित हो जाएँगे? क्या वे दुनिया की सैर करते हुए, अपने रेस्तरां के लिए रसोइयों से व्यंजनों के नुस्खे लेंगे? क्या उनके पास अपनी फरारी चलाने के लिए समय होगा? मैं नहीं जानता और दुनिया के बाकि तमाम प्रशंसकों की तरह जानना भी नहीं चाहता।
लेकिन सचिन को उनके जन्म दिन की ढेरो शुभकामनाएं.........

"लेखक सचिन का नहीं सचिन के खेल का प्रशंसक है"

आईपीएल का गेंदबाज कामरान खान बना किसान

बेंगलूरु। कभी आईपीएल के 2009 सत्र में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वॉर्न की कप्तानी वाली राजस्थान रॉयल्स टीम की शान रहा गेंदबाज कामरान खान आज आजमगढ़ के खेतों में काम कर रहा है। 21 साल के कामरान ने अपनी तेज गेंदबाजी से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले का नाम रोशन किया था, लेकिन बाएं हाथ के इस गेंदबाज को अपनी नयी आईपीएल टीम सहारा पुणे वॉरियर्स ने इस सत्र में अनदेखी की और अब वह अपने भाई के खेत में काम कर रहा है।

कामरान खान को साल 2009 में राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में शामिल किया था। टीम के तत्कालीन कप्तान शेन वर्न ने कामरान को प्रतिभावान खिलाड़ी करार देते हुए कहा था कि कामरान आगे जाकर एक स्टार खिलाड़ी बनेगा, लेकिन अब यही कामरान आजमगढ़ के खेतों में काम कर रहा है।


कामरान को पिछले साल पुणे वॉरियर्स ने अनुबंधित किया था, लेकिन फ्रेंचाइजी के मालिकों ने यह कहकर उन्हें वापस घर भेज दिया कि फिलहाल टीम को उनकी जरूरत नहीं है।

कामरान की दयनीय स्थिति से वॉर्न बहुत दुखी और इस महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली। वॉर्न ने ट्विटर पर अपना दुख जाहिर करते हुए लिखा, बड़ी हैरानी की बात है। कामरान जैसा प्रतिभावान क्रिकेटर आईपीएल में खेलने की जगह खेतों में काम कर रहा है। मेरे लिए यह प्रतिभा की बर्बादी करना है। उम्मीद है तुम ठीक हो दोस्त।

कामरान ने राजस्थान रॉयल्स के साथ खेलते हुए 19.66 की औसत से 9 विकेट लिए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 18 रन देकर 3 विकेट लेने का रहा, जो कि उन्होंने केपटाउन में 23 अप्रैल 2009 को कोलकाता के खिलाफ हुए मैच में किया था।

आईपीएल-5 : रोमांचक मुकाबलों में दिखी बल्लेबाजों की बाजीगरी


आईपीएल-5 लगभग अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ चुका है। इनमें से कई मुकाबले ऐसे रहे हैं जो लोगों का दिल थमा दे। कुछ तो बेहद नजदीकी मुकाबले रहे कि आखिरी गेंद पर ही साफ हो सका कि कौन विजेता है। इसका कारण हर टीम में एक न एक ऐसा खिलाड़ी होना है जो ऐन वक्तपर मैच का नक्शा बदलने की क्षमता रखता है। ऐसे ही कुछ हारे हुए मुकाबलों को अंतिम क्षणों में जीत में बदलने वाले बाजीगर खिलाड़ियों की सूची में डीविलियर्स, एलबी मोर्कल, क्रिस गेल, रोहित शर्मा और मोर्नी मोर्कल हैं।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के मध्यक्रम के बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने आईपीएल के 50वें मैच में डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ 17 गेंदों में 47 रन की पारी खेल अपनी टीम को जीत दिलाई थी। अपने स्कोर में उन्होंने पांच चौके, तीन छक्के लगाये। इस मैच के बाद यह दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज आईपीएल-पांच का सबसे बड़ा गेम चेंजर बनकर उभरा है। इस मैच में डिविलियर्स ने नंबर एक टेस्ट गेंदबाज डेल स्टेन की ऐसी दुर्गति की जिसे वह जीवन भर याद भूल नहीं पायेंगे।

182 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी रॉयल चैलेंजर्स को आखिरी तीन ओवर में 39 रन चाहिए थे। डिविलियर्स ने स्टेन के 18वें ओवर में क्रमश: 6,2,4,6,4,1 जड़ कर टीम को मैच में वापस ला दिया। स्टेन ने अपने ओवर में 23 रन खर्चे। इसके बाद 19वें ओवर में डिविलियर्स ने आनंद राजन की भी बखिया उधेड़ते हुए पहली दो गेंदों पर चौका जड़ा और तीसरी गेंद पर छक्का लगाकर अपनी टीम की जीत पक्की कर दी। इस जीत के साथ बेंगलूर की प्लेऑफ में जगह बनाने की उम्मीदें भी जीवंत हैं।

इस आईपीएल के दूसरे बाजीगर मुम्बई इंडियंस के रोहित शर्मा हैं। जिन्होंने विशाखापत्तनम में डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ ही 50 गेंदों पर आकर्षक 73 रन की पारी खेल अपनी टीम को जीत दिलाई थी। डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ 139 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई इंडियंस को आखिरी ओवर में 18 रनों की दरकार थी और उसके पांच विकेट गिर गए थे। ऐसे में रोहित ने शांत रहत हुए डेनियल क्रिश्चियन के ओवर में पहेल तीन गेंदों पर 7 रन ही मिले। बढ़ते दबाव के बीच चौथी गेंद पर रोहित ने प्वांइट बाउंड्री के ऊपर छक्का जड़कर मुंबई खेमे में खुशी भर दी। पांचवीं गेंद पर शर्मा ने दो रन लिए और आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर उन्होंने मुंबई इंडियंस को पांच विकेट से जीत दिला दी।

इसके बाद नंबर चैन्नई सुपर किंग्स के एल्बी मार्कल का आता है। उन्होंने तो मैच के 19वें ओवर में दो चौके और तीन छक्कों की मदद से चैन्नई की हार को जीत में बदल दिया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के 206 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई को आखिरी दो ओवर में 43 रनों की दरकार थी। बेंगलूर के विराट कोहली को 19वां ओवर करना था और मार्कल ने इस मौके को भूनाते हुए दनादन तीन छक्के और दो चौके जड़ टीम की जीत के मुहाने पर खड़ कर दिया। कोहली के ओवर में मिले 28 रन ने चैन्नई का जोश बढ़ा दिया। इसके बाद आखिरी ओवर में शेष बचे रन को ड्वेन ब्रावो और रविंद्र जडेजा ने एक गेंद शेष रहते बना लिया।

आईपीएल के बेहतरीन कारनामों में अगला नाम कैरेबियाई आंधी क्रिस गेल का आता है। गेल ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की जीत को पक्का करने के लिए पुणे वारियर्स के गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी। बैंगलोर में खेले गये 21वें मैच में गेल के 48 गेंदों पर बनाये गये तूफानी 81 रन ने पुणे से मैच छीन लिया। पुणे वारियर्स के 183 रनों के भारी भरकम लक्ष्य का पीछा करने उतरी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की शुरुआत बहुत धीमी रही थी। 12वें ओवर तक बेंगलूर ने तीन विकेट के नुकसान पर 76 रन बनाए थे और अब उसे जीत के लिए 48 गेंदों पर 107 रनों की जरूरत थी। ऐसे में क्रिस गेल ने अचानक गियर बदला और 13वां ओवर फेंकने आए राहुल शर्मा की आखिरी पांच गेंदों पर पांच छक्के लगाकर मैच को कुछ हद तक बेंगलूर की ओर मोड़ दिया।

इसके बाद गेल भी चार चौके और आठ छक्कों को प्रदर्शन कर चलते बने। 19वें ओवर तक बेंगलूर ने चार विकेट के नुकसान पर 162 रन बनाए और उसे आखिरी ओवर में 21 रन की दरकार थी। नेहरा की पहली गेंद पर सौरभ तिवारी ने एक रन लेकर स्ट्राइक डिविलियर्स को दे दी। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज ने नेहरा की दूसरी गेंद पर चौका और तीसरी व चौथी गेंद पर छक्का मारकर खेल को अपनी टीम के पक्ष में मोड़ दिया। पांचवीं गेंद पर डिविलियर्स ने एक रन लेकर स्ट्राइक तिवारी को दी, जिस पर भारतीय बल्लेबाज ने छक्का जड़कर बेंगलूर को छह विकेट से जीत दिला दी।

इस क्रम में सबसे ताजा रोमांचक मुकाबले की श्रेणी में मुम्बई इंडियंस और चैन्नई सुपर किंग्स का मैच रहा। चैन्नई के 174 रन के लक्ष्य के जवाब में मुम्बई 19 ओवर में 158 रन ही बना सकी। उसे आखिरी ओवर में 16 रन की दरकार थी। ऐसे में आईपीएल का पहला मैच खेलने उतरे ड्वेन स्मिथ ने हिल्फेनहास की पहली गेंद पर एक रन लिया। अगली ही गेंद पर मलिंगा बोल्ड हो गए। तीसरी गेंद पर हरभजन सिंह ने एक रन लेकर स्मिथ को स्ट्राइक दे दी। अब मुंबई को जीत के लिए तीन गेंदों पर 14 रनों की जरूरत थी। स्मिथ ने बेन हिल्फेनहास की फुलटास गेंद पर छक्का जड़कर मुंबईवासियों को खुश कर दिया। अगली दो गेंदों पर उन्होंने चौके जड़कर मुंबई को दो विकेट से जीत दिला दी।

Wednesday, May 2, 2012

‘बांस को भाला बना चढ़ी सफलता की सीढ़ी’


नई दिल्ली,। पैरालिंपिक की भालाफेंक स्पर्धा के विश्व रिकॉर्डधारी देवेन्द्र झाझरिया ने बांस की लकड़ी का भाला बनाकर शुरूआत की थी, जिसकी बदौलत वह सफलता के शिखर पहुंचने में सफल रहे। पैरालिंपिक ओलंपिक में देश के पहले व्यक्तिगत स्वर्ण विजेता बनने का रिकार्ड भी पद्मश्री से सम्मानित देवेन्द्र के नाम है।

अपने जीवन के संघंर्ष को सामने रखते हुए देवेन्द्र झाझरिया ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘जब मैंने खेलना शुरू किया था तो मेरे पास कोई भाला नहीं था। मैंने बांस की लकड़ी को भाला बनाकर खेलना शुरू किया था। मैंने कभी भी पैरालिंपक खिलाड़ी की तरह नहीं अभ्यास नहीं किया बल्कि हमेशा खुद को सामान्य खिलाड़ी माना। मैंने सामान्य खिलाड़ी की श्रेणी में भी देश में पदक जीता है।’ दुर्घटना में अपना एक हाथ गंवाने वाले राजस्थान के चूरू जिले के देवेन्द्र ने वर्ष 2002 में बुसान में आठवें फेस्पिक एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। इसके एक वर्ष बाद उन्होंने ब्रिटिश ओपन में 59.2 मीटर भाला फेंककर नया विश्वरिकॉर्ड बनाया। साथ ही उन्होंने तिहरी कूद में स्वर्ण पदक और शाट पुट में रजत पदक जीता था।

उल्लेखनीय है कि द्रेवेन्द्र ने 2004 में एथेंस पैरालिंपिक में 62.15 मीटर भाला फेंककर अपने ही विश्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता था। वह पैरालिंपिक ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले एथलीट हैं। उनका यह विश्व रिकॉर्ड अब भी कायम हैं। देवेन्द्र पैरालिंपिक खेलों के राष्ट्रीय कोच और चयन समिति के सदस्य भी हैं। देवेन्द्र की उपलब्धियों को देखते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने गुरुवार को उन्हें 'पद्मश्री' से सम्मानित किया।

हिन्दुस्थान समाचार/23.02.2012/आकाश।


खेल के जरिए शिक्षा विस्तार में सहायक होंगे विराट, रुम टू रीड छापेगी विराट पर किताब


नई दिल्ली,। भारतीय क्रिकेट के नए सितारे विराट कोहली अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की 'रूम टू रीड' के साथ भागीदारी के लिए नए ग्लोबल अम्बेसडर बन गए हैं। इसके मार्फत वह अब अपने बाल प्रशंसकों के समक्ष पुस्तकों के जरिए अपनी पैठ बढ़ायेंगे।

अपनी बल्लेबाजी से धूम मचा रहे और नए सचिन तेंदुलकर कहे जा रहे दिल्ली के विराट 'रूम टू रीड' के लिए आईसीसी का ग्लोबल अम्बेसडर बनने के साथ ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन और श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज की कतार में आ गए हैं जो इस उद्देश्य को प्रोमोट कर रहे हैं। यह भागीदारी पहली बार गत वर्ष हुए विश्व कप के दौरान शुरू हुई थी। रूम टू रीड मुनाफा नहीं कमाने वाली अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है जिसका उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना और शिक्षा में समानता लाना है।

23 वर्षीय विराट अपनी इस नई भूमिका के तहत एक किताब में नजर आएंगे जो रूम टू रीड श्रीलंका में सितम्बर में होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप से पहले जारी करेगी। यह किताब देश भर के हजारों सरकारी स्कूलों में वितरीत की जाएगी। रूम टू रीड का कहना है कि विराट पर किताब प्रकाशित कर भारत में लाखों, करोड़ों बच्चों में शिक्षा के लिए नया जोश पैदा किया जा सकेगा। भारतीय एकदिवसीय टीम के उपकप्तान विराट गत वर्ष विश्व कप के दौरान इस भागीदारी की कई प्रचार गतिविधियों में शामिल हुए थे और वह इस वर्ष भी रूम टू रीड की तरफ से कई गतिविधियों में उतरेंगें।

अपनी इस नयी भूमिका से रोमांचित हो विराट कोहली ने कहा, ‘मुझे बेहद खुशी है कि इस भागीदारी से जुड़ने और बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का मौका मिला है। मुझे उन बच्चों से मिलने में अच्छा लगता है जिन्हें गत वर्ष विश्व कप के दौरान रूम टू रीड से फायदा पहुंचा था।’ विराट ने बताया कि उन्हें रूम टू रीड के साथ काम करने का इंतजार है जो बच्चों के लिए हिन्दी और तेलुगू में किताब प्रकाशित करेंगे। यह किताब विश्व कप से पहले भारत भर में बच्चों तक पहुंचायी जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/25.03.2012/आकाश। 

गरीबी ने ‘स्टार’ धनुर्धर से बिकवाया उसका धनुष


जमशेदपुर,। ऐसे समय में जब राष्ट्रीय टीम में शामिल होते ही भारतीय क्रिकेटर 'धन कुबेरों' की फेहरिस्त में शामिल हो जाते हैं। देश की एक पूर्व स्टार महिला तीरंदाज को ऐसी गरीबी और तंगहाली झेलनी पड़ रही है कि उसे मिट्टी से बने अपने टूटे घर की मरम्मत के लिए कोरियाई कोच से उपहार में मिला चार लाख रुपये का कीमती 'धनुष' तक औने पौने दाम में बेच देना पड़ा है।

दक्षिण एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक के अलावा वर्ष 2007 में ताईवान में हुए एशियाई ग्रां प्री में सर्वश्रेष्ठ धर्नुधर का पुरस्कार जीत चुकी निशा रानी यहां से लगभग 35 किलोमीटर दूर झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा इलाके के एक गरीब परिवार से संबंध रखती हैं। वर्ष 2006 में बैंकॉक के एशियाई ग्रां प्री में कांस्य जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य रह चुकी निशा ने हाल में अपना चार लाख रुपये का धनुष मात्र 50 हजार रुपए में बेच दिया।

निशा के पारिवारिक सूत्रों ने आज बताया कि तंगहाली के चलते निशा को यह कदम उठाना पड़ा। मिट्टी का घर ढह रहा था और मरम्मत के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी। कोरियाई कोच ने उसकी प्रतिभा से खुश होकर यह धनुष उसे तोहफे में दिया था। उसे इससे भावनात्मक लगाव तो था पर तंगहाली के आगे वह मजबूर हो गयी। तीन बहनों में मंझली निशा ने तीरंदाजी करयिर पर अधिक ध्यान देने के लिए ही शादी नहीं की जबकि उसकी छोटी और बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है।

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि दो बड़ी तीरंदाजी अकादमियों से जुड़ी रही निशा को उम्मीद थी कि खेल से उसकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी पर ऐसा हुआ नहीं। बहरहाल, तंगहाली के बावजूद उसने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है और उसे लगता है कि सरकार उसकी बदहाली दूर करने के लिए आगे आयेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/29.03.2012/आकाश।

आईपीएल-5 : सहवाग ने बनाया कीर्तिमान, जड़े पांच लगातार पचासे


जयपुर, 02 मई (हि..) विस्फोटक भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने आईपीएल के पांचवे संस्करण में बेहतरीन फार्म का प्रदर्शन करते हुए नया कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने आईपीएल में लगातार पांच मैचों में पांच पचासे जड़कर नया रिकार्ड बना दिया है।

मंगलवार को राजस्थान के खिलाफ सहवाग ने आईपीएल-5 में अपना लगातार पांचवां अर्धशतक लगा एक अनोखा रिकार्ड अपने नाम किया। वैसे तो आईपीएल बल्लेबाजों का खेल है  और इसमें कई लाजवाब पारियां देखने को मिली है। लेकिन सहवाग से पहले कोई भी बल्लेबाज ऐसा कारनामा नहीं कर सका था। राजस्थान के खिलाफ 38 गेंदों पर 73 रन बनाने के साथ ही सहवाग सिर्फ आईपीएल में बल्कि टी-20 के इतिहास में लगातार पांच अर्धशतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं। वीरेंद्र सहवाग ने आईपीएल-5 में अब तक 10 मैचों में 445 रन बनाए हैं।

उल्लेखनीय है कि सहवाग की बल्लेबाजी की बदौलत उनकी टीम दिल्ली का अब आखिरी चार में पहुंचना लगभग पक्का हो  गया है। सहवाग अब आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाना वाले बल्लेबाज को मिलने वाली ऑरेंज कैप की होड़ में भी दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। सहवाग से आगे सिर्फ राजस्थान के अजिंक्य रहाणे हैं, जिनके 10 मैचों में 458 रन हैं। उन्होंने दो अर्धशतक और एक शतक लगाया है।

हिन्दुस्थान समाचार/02.05.2012/आकाश।

अब भी लम्बित हैं शूटरों के प्रस्ताव, खेल मंत्री पर टिकी नजरें



नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि..) लंदन ओलम्पिक में खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन कर मेडल लाने की उम्मीद रखने वाली सरकार खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा नहीं दे पा रही है। इस बाबत देश के शूटरों ने साफ कहा है कि अब भी उनके कुछ प्रस्ताव मंजूरी की बाट जोह रहे है। ऐसे में खिलाड़ी की मांग है कि उसके प्रस्तावों पर जल्द विचार कर खेल मंत्री उसे स्वीकृत करें।

खेल मंत्री अजय माकन ने भले ही घोषणा कर दी हो कि ओलंपिक क्वालीफायर शूटरों को नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड (एनएसडीएफ) से ओलंपिक की तैयारियों के लिए हर संभव मदद की जाएगी। लेकिन चयन को लेकर पनपे विवाद से शूटर हिना सिद्धू और जयदीप कर्माकर का प्रस्ताव अब तक मंजूर नहीं हुआ है। दोनों शूटर इसको लेकर चिंतित हैं। मित्तल चैंपियंस ट्रस्ट के कार्यक्रम में आए शूटरों ने कहा कि प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ तो उनकी ओलंपिक की तैयारियां लगभग खत्म हो जाएंगी।

ओलंपिक मेडलिस्ट राज्यवर्धन राठौड़ पर वरीयता पाकर 10 मीटर एयर पिस्टल में ओलंपिक के लिए चयनित हिना सिद्धू ने 1.15 करोड़ रुपये का प्रस्ताव एनएसडीएफ को दिया है। हिना का कहना है कि ओलंपिक में महज तीन माह का समय बाकी है। ऐसे में उनका प्रस्ताव मंजूर नहीं होता तो उन्हें नुकसान होगा। उन्हें यह भी मालूम नहीं है कि वह मंत्रालय में इसके लिए किससे बात करें। हालांकि इस बारे में वह एनआरएआई से लगातार बात कर रही हैं।

वहीं, इमरान हसन खान के स्थान पर 50 मीटर प्रोन में चयनित जयदीप कर्माकर का कहना है कि उन्होंने 50 लाख का प्रस्ताव दिया है। इसे मंजूरी मिलने पर वह अपने विदेशी कोच को वेतन दे सकते थे। जो अब तक उसे देना है। इसके लिए वह अपने प्रायोजक मित्तल चैंपियंस ट्रस्ट पर ज्यादा बोझ नहीं डाल सकते हैं। वहीं, एनआरएआई के एक अधिकारी का कहना है कि इन दोनों का टीम में चयन 12 मार्च को हुआ है। राज्यवर्धन के साथ चयन को लेकर हुए विवाद के कारण इसमें देरी हुई है। फिलहाल, फेडरेशन इस मामले को एक बार फिर मंत्रालय के पास लेकर जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/01.04.2012/आकाश।